नई दिल्ली. तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ बैंक अधिकारी (Bank Employee) और कर्मचारी सरकार की मंशा पर पानी फेरने के काम में जुटे हुए हैं. कांग्रेस नेता एवं राज्यसभा सांसद मोतीलाल वोरा ( Motilal Vora) के एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Minister of State for Finance Anurag Thakur) ने बताया कि एक अप्रैल से 30 जून तक सरकारी क्षेत्र (PSU Bank) के बैंकों (PSB) में धोखाधड़ी के 2,480 मामले हुए, जिसमें 31,898.64 करोड़ रुपए की रकम शामिल थी. यह आंकड़ा उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हवाले से दिया.
SBI को लेकर भी पूछा सवाल- वोरा ने यह भी पूछा था कि भारतीय स्टेट बैंक में बड़ी रकमों के घोटाले न रुक पाने के क्या कारण हैं. क्या इनमें बैंक के कर्मचारियों की संलिप्तता भी पाई गई है.
जवाब में ठाकुर ने बताया कि पहले ऐसी धोखाधड़ियों में बैंकरों की भूमिका की भी कड़ाई से जांच नहीं की जाती थी. लेकिन अब अनुशासन कड़ा किया गया है >> सीए राजनदास गुप्ता के मुताबिक ऐसा नहीं माना जा सकता कि यह घटनाएं इसी अवधि के दौरान हुई हैं. दरअसल, इस पर काम पहले से चल रहा होगा.
>> पता इस दौरान चल होगा. यह कस्टमर के साथ धोखाधड़ी के मामले नहीं हैं. ये वो मामले हैं जिसमें बैंकों से लोन लेकर सरकार के साथ धोखाधड़ी की गई.
>> इसमें से ज्यादातर मामले एनपीए होने से बचाने के लिए लोन रिस्ट्रक्चरिंग (इसमें बैंक पुराने लोन वाले को ही नया लोन दे देता है) के हुए होंगे. कम प्रॉपर्टी पर ज्यादा लोन लिया गया होगा. नई दिल्ली. तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ बैंक अधिकारी (Bank Employee) और कर्मचारी सरकार की मंशा पर पानी फेरने के काम में जुटे हुए हैं. कांग्रेस नेता एवं राज्यसभा सांसद मोतीलाल वोरा ( Motilal Vora) के एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Minister of State for Finance Anurag Thakur) ने बताया कि एक अप्रैल से 30 जून तक सरकारी क्षेत्र (PSU Bank) के बैंकों (PSB) में धोखाधड़ी के 2,480 मामले हुए, जिसमें 31,898.64 करोड़ रुपए की रकम शामिल थी. यह आंकड़ा उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हवाले से दिया.
SBI को लेकर भी पूछा सवाल- वोरा ने यह भी पूछा था कि भारतीय स्टेट बैंक में बड़ी रकमों के घोटाले न रुक पाने के क्या कारण हैं. क्या इनमें बैंक के कर्मचारियों की संलिप्तता भी पाई गई है.
जवाब में ठाकुर ने बताया कि पहले ऐसी धोखाधड़ियों में बैंकरों की भूमिका की भी कड़ाई से जांच नहीं की जाती थी. लेकिन अब अनुशासन कड़ा किया गया है
एसबीआई में हुई सबसे ज्यादा धोखाधड़ी-इस साल एक अप्रैल से 30 जून के बाद सबसे ज्यादा 1,197 धोखाधड़ी के मामले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में हुई है. इसमें 12,012 करोड़ रुपये शामिल थे.
>> दूसरा नंबर इलाहाबाद बैंक का है. जिसकी 381 धोधाधड़ियों में 2,855 करोड़ रुपये की रकम शामिल थी. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 194 मामले हुए. इसमें 1,982 करोड़ रुपये की रकम शामिल रही.
बैंक कर्मियों की रही है मिलीभगत-बैंकों के साथ धोखाधड़ी बिना कर्मचारियों, अधिकारियों की मिलीभगत के नहीं हो सकता. इलाहाबाद बैंक में हुई धोखाधड़ियों के 87 मामलों में सरकार को कर्मचारियों के शामिल होने का पता चला है.
>> राज्यसभा में दी गई रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक के 56 मामलों में बैंक के कर्मचारी शामिल रहे हैं. जबकि पंजाब नेशनल बैंक के 27 मामलों में कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई है.
धोखाधड़ी कम करने के लिए क्या कर रही सरकार?
(1) 50 करोड़ रुपए से अधिक के सभी खाते, यदि उन्हें एनपीए में शामिल किया जा रहा है तो तो बैंकों द्वारा इनकी जांच संभावित धोखाधड़ी के दृष्टिकोण से की जाए. जांच के निष्कर्षों के आधार पर तैयार रिपोर्ट को एनपीए समीक्षा के लिए बैंक की समिति के समक्ष रखा जाए.
(2) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को धोखाधड़ी के बारे में सूचित करने के बाद इरादतन चूक के लिए तत्काल जांच शुरू की जाए.
(3) भगोड़े आर्थिक अपराधियों की सम्पत्ति की कुर्की. ऐसे अपराधियों की सम्पत्ति को जब्त करने और अपराधियों को किसी सिविल दावे की पैरवी करने के हक से वंचित करने की व्यवस्था.