मुंबई. महाराष्ट्र मेंशिवसेना,
कांग्रेस (Congress) और एनसीपी मिलकर सरकार बना रही है. शिवसेना प्रमुख
उद्धव ठाकरे कल यानी 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इस बीच खबर
है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul gandhi) नई सरकार के
शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होंगे.
बीते दिनों जब शिवसेना के साथ कांग्रेस के गठबंधन बनाने की बात चल रही थी
तब उस वक्त भी राहुल गांधी दूर थे. इतना ही नहीं कांग्रेस की केरल (Kerala)
इकाई ने भी शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर आपत्ति जताई थी. ऐसे में वायनाड
(Wayanad) से सांसद राहुल गांधी के शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहने
उनकी असहमति की खबर को बल जरूर मिलता है.
शिवसेना ने किया बड़े नेताओं को आमंत्रित
गौरतलब है कि शिवसेना की ओर से कहा जा रहा था कि तीनों दलों के बड़े नेताओं
को शपथ ग्रहण में बुलाया जाएगा हालांकि अब तक राहुल के महाराष्ट्र जाने का
कोई कार्यक्रम नहीं आया है. वहीं दूसरी ओर खबर है कि कांग्रेस की अंतरिम
अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia gandhi) को शपथ ग्रहण में न्योता देने के लिए
खुद शरद पवार (Sharad Pawar) जाएंगे.
शिवसेना
सुप्रीमो उद्धव ठाकरे 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ
लेंगे. खबर है कि वह 28 नवंबर को शाम 6:30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले
सकते हैं. ठाकरे राज्य के शीर्ष राजनीतिक पद पर पहुंचने वाले अपने परिवार
के पहले सदस्य होंगे.
उद्दव ठाकरे के शपथ समारोह में नहीं जाएंगे राहुल गांधी.@arunsingh4775 बता रहे हैं क्या हैं इसके मायने@PrashantChurhehttps://t.co/W1EOm6uZIJ pic.twitter.com/DyT1BiO328
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पलटा पासा
इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के
बाद महाराष्ट्र में सियासी खेल एकदम से पलट गया था. सुप्रीम कोर्ट ने
मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस (Devendra
Fadanvis) को निर्देश दिया कि वह बुधवार को शाम 5 बजे तक विधानसभा में अपना
बहुमत साबित करें.
कोर्ट ने कहा था कि बहुमत परीक्षण में देर होने से ‘खरीद फरोख्त’ की आशंका
है. वहीं बहुमत साबित करने को लेकर विधायकों को एकजुट करने की कोशिशों के
बीच अजित पवार के उप-मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद
देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा की
घोषणा कर दी. फडणवीस ने कहा कि अजित पवार (Ajit Pawar) के अपने पद से
इस्तीफा देने के बाद उनके पास संख्या बल नहीं रह गया है.