पासवान ने कहा कि उपभोक्ता मामलों का विभाग 15 जनवरी 2020 तक गोल्ड हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने संबंधी अधिसूचना जारी कर देगा. हालांकि इस फैसले को लागू करने के लिए एक साल का वक्त दिया गया है. जिससे कि ज्वैलर्स अपने मौजूदा स्टॉक को निकाल सके.
बता दें, हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता का प्रमाण-पत्र है. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग के लिए अधिकृत अथॉरिटी है. बीआईएस उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधीन कार्यरत इकाई है. बीआईएस ने सोने के गहनों की हॉलमार्किंग के लिए तीन ग्रेड 14 कैरट, 18 कैरट और 22 कैरट में स्टैंडर्ड निर्धारित किए हैं. मंत्रालय के अनुसार, ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए गोल्ड ज्वैलरी पर मानक तय करना आवश्यक है.