कुआलालंपुर. भारत के साथ जारी व्यापारिक तनाव के बीच मलेशिया (Malaysia) ने फिर से आपसी संबंधों में सुधार की उम्मीद जताई है. मलेशिया ने कहा कि भारत ने मौजूदा हालात को देखते हुए पाम ऑयल की खरीद रोकी है, लेकिन ये रोक अस्थायी है. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में भारत-मलेशिया के रिश्ते सुधरेंगे. दोनों देशों के बीच फिर से पहले जैसा कारोबार होने लगेगा.
दरअसल, भारत ने मलेशिया को लेकर ये कदम तब उठाया था, जब मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद कश्मीर मुद्दे से लेकर नागरिकता कानून को लेकर भारत की तीखी आलोचना कर रहे थे. महातिर ने नागरिकता कानून को लेकर कहा था कि यह पूरी तरह से अनुचित है. इसके अलावा विवादित इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक को शेल्टर देने से भी भारत अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है.
इसके जवाब में भारत ने बीते महीने मलेशिया से पाम ऑयल के आयात में पहले कटौती की और बाद में इसपर रोक लगा दी थी. इसके अलावा अब माइक्रो प्रोसेसर और कंप्यूटर पार्ट्स के आयात पर भी रोक लगाने की तैयारी हो रही है. हालांकि, मलेशिया को अभी भरोसा है कि भारत के साथ उसके रिश्ते फिर से अच्छे होंगे.
मलेशिया की प्राइमरी इंडस्ट्रीज़ मंत्री टेरेसा कोक ने पाम ऑयल काउंसिल के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा, ‘भारत-मलेशिया के बीच दीर्घकालिक द्विपक्षीय रिश्ते हैं. ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि दोनों देश मौजूदा चुनौतियों से जल्द ही बाहर आएंगे. मलेशिया उम्मीद करता है कि भारत म्यूच्युअल लाभों के लिए फिर से व्यापार करेगा.’
बयान में ये भी कहा गया है कि मलेशिया इस महीने से B20 बायो डीजल प्लांट शुरू करने पर भी विचार कर रहा है, जो पाम ऑयल की बढ़ती कीमतों को स्थिर करने में मददगार साबित हो सकता है.
आपको बता दें कि पहले भारत में पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक देश (सप्लायर) इंडोनेशिया था. हालांकि, पाम ऑयल में टैक्स घटाकर मलेशिया पिछले साल भारत का सबसे बड़ा सप्लायर बन गया. भारत के साथ मलेशिया का पाम ऑयल बिजनेस वहां की जीडीपी में 2.5 फीसदी हिस्सा रखता है. ऐसे में समझा जा सकता है कि मलेशिया के लिए भारत के साथ कारोबार जारी रखना कितना अहम है