बीजिंग. कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित लोगों की संख्या पूरी दुनिया में 4,20,000 से ज्यादा हो गयी है ऐसे में चीन में हंता वायरस के संक्रमण से एक शख्स की मौत दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी हुई है. चीन (China) के युन्नान प्रांत में सोमवार को हंता वायरस (hantavirus) से एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी और उसके साथ बस में सफ़र कर रहे अन्य 29 लोगों को टेस्ट के लिए अस्पताल ले जाया गया था.
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने ही इस मौत की पुष्टि की थी लेकिन अब यहीं से इस बारे में सफाई भी दी गई है. ग्लोबल टाइम्स ने सफाई दी है कि हंता वायरस कोरोना की तरह सांस की नाली के जरिए नहीं फैलता है. हंता के फैलने के लिए संक्रमित मरीज के खून या फिर सलाइवा के संपर्क में आना ज़रूरी है. सफाई में कहा गया है कि हंता वायरस कोरोना की तरह घातक नहीं है और इससे घबराने या फिर इसे एपिडेमिक समझने की ज़रुरत नहीं है.
Unlike #COVID19, #hantavirus is not mainly transmitted via respiratory system. But human excreta and blood of an infected #hantavirus patient can be contagious, virologist said after a Chinese worker died of the hantavirus. https://t.co/ozqjVWrylg pic.twitter.com/A7x4036nG1
— Global Times (@globaltimesnews) March 25, 2020
मारे गए व्यक्ति की जानकारी साझा की
रिपोर्ट में युन्नान में हंता संक्रमण से मारे गए व्यक्ति का नाम तियान बताया गया है. इसमें बताया गया है कि ये व्यक्ति 29 अन्य लोगों के साथ बस में सफ़र कर रहा था, इसकी तबियत बिगड़ी और इसकी मौत हो गयी. बाद में जांच में सामने आया कि मौत हंता के संक्रमण से हुई. एहतियात के लिए 29 अन्य का भी टेस्ट कराया गया है लेकिन उनमें संक्रमण की आशंका न के बराबर है क्योंकि ये वायरस हवा या छूने से नहीं फैलता है. मृत व्यक्ति और बाकी 29 लोगों का टेस्ट सांशी प्रोविंस के निंगशांग काउंटी अस्पताल में कराया गया है. बाकी सभी सहयात्री कोरोना नेगेटिव भी पाए गए हैं.
वैज्ञानिकों ने कहा, घबराइए नहीं
वुहान यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट यांग जांक्यू ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि एक बस में साथ सफ़र करने से कोरोना का खतरा तो है लेकिन हंता वायरस ऐसे नहीं फैलता है. ये वायरस सामान्य तौर पर छूने से नहीं फैलता है और न ही सांस की नाली के जरिए शरीर में प्रवेश करता है. इसे होमेरोजिक फीवर के नाम से भी जाना जाता है. ये चूहों के संपर्क में आने से या उनका झूठा खाना खा लेने से फैलता है. हंता वायरस के लिए पहले ही वैक्सीन मौजूद है और इससे घबराने की ज़रूरत नहीं है. ये अधिकतर गांव के इलाकों में खेत में काम कर रहे किसानों मजदूरों को होता है क्योंकि वे चूहों के सीधे संपर्क में आते हैं. ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक बीते पांच सालों में युन्नान प्रांत में हंता संक्रमण के सिर्फ 1231 मामले सामने आए हैं
क्या है हंता वायरस?
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक हंता वायरस भी कोरोना की तरह वायरस की एक फैमिली का नाम है. ये ज्यादातर चूहों और गिलहरियों से फैलता है. ये इंसानों में कई तरह की बीमारियां उत्पन्न करने में सक्षम है. इससे हंता वायरस पल्मोनरी सिंड्रोम (HPS), हेमोरेजिक फीवर और रेनल सिंड्रोम (HRFS) हो सकता है. इसके फैलने का कारण चूहों के मल, पेशाब आदि के संपर्क में आना है. अगर ये सब छूने के बाद कोई अपनी आंख, नाक या मुंह को छू लेता है तो ये शरीर में प्रवेश कर जाता है. इस वायरस से संक्रमित होने के लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, पेट में दर्द, उल्टी, डायरिया प्रमुख हैं.