मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश की जनता का अभूतपूर्व सहयोग मिल रहा है, इसकी पूरे देश में सराहना हो रही है। हिन्दू नव वर्ष, चैत्र नवरात्रि और गुड़ी पड़वा की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री आज प्रदेश की जनता को संबोधित करते हुए अपने संदेश में कहा कि बहुत से भाई-बहन उपवास रखते हैं। उपवास का अर्थ होता है, अपने ईष्ट के समीप रहना। नौ दिन आप अपने ईष्ट के समीप रहेंगे। भारत सरकार और राज्य सरकार ने 21 दिन का लॉकडाउन किया है। आप सभी को इस दौरान अपने-अपने घरों में रहना है। अपने ईष्ट के समीप रहना है। अपने परिवार के साथ रहना है, इसी में हम सबकी सुरक्षा है। राज्य में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं हैं। सरकार का पूरा तंत्र जनता के साथ है तथा स्वास्थ्य और भोजन के साथ ही जरूरी सुविधाओें की व्यवस्था में लगा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत से गांवों से साथी लोग फोन करके बता रहे हैं कि हम लोग अपने गांवों में बाहर से जो लोग आ रहे हैं उन्हंे बिना मेडिकल चेकअप के गांव के भीतर नहीं आने देंगे। यही सही मायने में कर्फ्यू का अर्थ है। यह कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं है बल्कि ये आम जनता की सुरक्षा का मामला है। यही हम चाह रहे हैं कि लोग अपने अपने गांवों-शहरों और मोहल्लों में सुरक्षा करें। किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर नहीं जानें दें और कोई भी बाहरी व्यक्ति आते हैं तो उनकी जांच किए बिना घर में नहीं आने देना है। ये आप लोगों को 21 दिनों तक करना है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गरीब परिवारों को राज्य सरकार दो माह का राशन मुफ्त में देने का फैसला किया है। बहुत जल्दी यह सुविधा लोगों को मिलेगी। कुछ साथी लोग जिनके पास खाने की व्यवस्था नहीं है, रहने की व्यवस्था नहीं है। ऐसी स्थिति में सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि इन लोगों के लिए आवश्यक व्यवस्था करंे।
मुख्यमंत्री ने सामाजिक संगठनों से जिनके पास भोजन पकाने की व्यवस्था है। जरूरतमंदों के लिए भोजन के पैकेट उपलब्ध कराने अपील की है। उन्होंने कहा है कि लंगर लगाकर खिलाने का काम नहीं करना है बल्कि पैकेट बनाकर कलेक्टर के माध्यम से सूचना देकर जरूरतमंदों तक पहुंचाने का काम करना है। उन्होंने कहा कि जो लोग घर में हैं उनके लिए खाने-पीने के सामान की बहुत सारी कमी हो जाती है। जो रोज कमाते खाते हैं उनके सामने यह स्थिति ज्यादा निर्मित होती है। इस सबंध में कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि जैसे ही जानकारी मिले या फोन के माध्यम से सूचना मिले वहां तहसीलदारों, नगर निगम और नगर पालिका के अधिकारियों के माध्यम से उनकी आवश्यकता की पूर्ति की जाए। जो भी जरूरतमंद हैं उनकी आवश्यकता की पूर्ति हो। इस बात का विशेष ध्यान रखना है। कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए। हमारे राज्य में किसी प्रकार की कमी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने जो सहयोग अभी तक दिया है। पूरे देश भर में उसकी सराहना हो रही है। यह सब यहां की जनता के सहयोग से हो रहा है। पूरा प्रशासन जनता की सेवा में लगा है। चौबीस घंटा और सातों दिन अधिकारियों को काम करना है। इसके अलावा डॉक्टर और उनके स्टाफ के लोग भी सेवा में लगे हुए हैं। पूरा तंत्र जनता के स्वास्थ्य और भोजन तथा अन्य जरूरी व्यवस्था में लगा हुआ है। इन कार्यो में सभी लोगों का सहयोग बहुत जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक दो स्थानों से खबर मिली हैं कि कुछ लोग दूसरे प्रदेशों में यात्रा करने गए थे और वे लोग वहां फंस गए हैं। उनके परिवारजनों और जनप्रतिनिधियों से मैं निवेदन करता हूं कि वे जो लोग जहां हैं वहीं रहें। वहां के सरकार से हम सम्पर्क कर लेंगे। आवश्यकता पड़ने पर यदि उनके पास राशि नहीं है तब परिवार जनों के माध्यम से या उनके खातों में रहने और खाने पीने की व्यवस्था की जाएगी।