०० शहर में रोजाना पंतगों का नजारा
राजनांदगांव(दावा)। लॉक डाउन में कड़े प्रतिबंध के बाद भी लोग बगैर किसी काम के बाहर निकलना एक शगल बना लिए हैं। पुलिस की लाठियों का भी उन्हें कोई डर नहीं है। लोगों की देखा-देखी अब छोटे-छोटे बच्चे भी शाम के समय शहर की सूनी सडक़ें गलियों में दौड़ते भागते दिखने लगे हैं। आसमान की ओर नजरे जमाए थे लडक़े जिधर भी पतंग कट कर गिरते देखते हैं और दौड़ लगा देते है। पतंग लूटने की चाह में इधर से उधर दौड़ लगा रहे इन लडक़ो का लाक डाउन के नियम को कोई परवाह नहीं। इससे कोरोना वायरस से इन बच्चों को ग्रसित होने का खतरा बढ़ गया है। पतंग लूटने की चाह में शहर की सूनी सडक़े व गलियों में दौड़ लगा रहे इन बच्चों के माता-पिता भी बेपरवाह है इन्हें तनिक भी कोरोना वायरस का खतरा नजर नहीं आ रहा।
ज्ञात हो कि शहर के बीच एक वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीज के पाय जाने के पश्चात एहतियात के तौर पर वार्ड को सील कर दिया गया था। उक्त युवक के संक्रमण मुक्त होते ही नाकाबंदी में दी गई ढील के पश्चात लोगों को जैस मनो-मुराद पूरा हो गया और लाक डाउन में दिन भर घरों में बंद लोग शाम के समय अपने-अपने छतो में नजर आने शुरू कर दिये। कुछ पल के लिए मनोरंजन की चाह में पतंग उड़ाना शुरू कर दिये। और शहर के इस बीच के क्षेत्र का आसमान रंग-बिरंगी पतंगो से भरा दिखाई देने लगा। पतंगो की पेच बाजिया शुरू हो गई। पतंग कट-कर गिरने लगे जिसे धांगा-मंजा सहित लूटने गली मुहल्ले के लडक़े दौड़ पड़े। शाम के समय में शहर में यह नजारा आम हो गया है जिससे लाक डाउन के नियम का धज्जियां उड़ती दिखाई दे रही है।