राजनांदगाँव (दावा)। विधायक तथा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज एक राष्ट्रीय चैनल को दिए गए साक्षात्कार में स्पष्ट तौर पर कहा कि हम सकारात्मक विपक्ष की भूमिका का निर्वहन कर रहे थे परंतु हमने देखा कि कुछ ना कर भी भूपेश बघेल सरकार वाहवाही लूट कर राजनीति करने पर आमादा हो चुकी है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि संकट के इन नाजुक क्षणों में राजनीति छोडक़र मानवता और संवेदनशीलता के साथ त्वरित प्रयासों की आवश्यकता होती है। डॉ. रमन ने जमातियों के संबद्ध में कहा कि ऐसे नाजुक क्षणों में कड़ा एक्शन लेना होता है और यह आम जनता की सुरक्षा की बात है इसमें राजनीतिक नजरिया नहीं देखना चाहिए।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बात बात पर नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाने वाले यह जान ले कि पूरे विश्व में भारत में ही समय से पहले 21 दिनों का लॉक डाउन का कड़ा निर्णय लिया है और अगर ऐसा नहीं होता तो आज भारत में आठ लाख से ज्यादा नागरिक संक्रमित हो चुके होते ।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी द्वारा जनवरी में दी गई जानकारी के बावजूद भी एक लैब तैयार नहीं कर पाई सरकार, स्थानीय स्तर पर और विगत 20 दिनों से लॉक डाउन लगा हुआ डॉ. रमन सिंह ने कहा कि ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टिट्यूट को छोडक़र किसी भी मेडिकल कॉलेज में टेस्ट की सुविधा आज तक नहीं की जा सकी है।
प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल बयान देकर कहते हैं कि सभी जमातीयों को चिन्हित कर लिया गया है, बड़े-बड़े दावे करने वाले भूपेश बघेल अगर समय रहते जमातियों को चिन्हित कर लेते तो आज यह स्थिति नहीं आती। श्री सिंह ने कहा कि समय रहते ही उन्होंने केंद्र को पत्र लिखकर डीएमएफ मद से 2240 करोड़ रुपये में से 30 प्रतिशत 560 करोड़ रुपए प्रदेश सरकार को कोरोना संक्रमण की तैयारी में खर्च करने की अनुमति दिलवाई परंतु आज दिनांक तक संक्रमण से बचाव की कोई ठोस तैयारी प्रदेश सरकार ने नहीं की है। भाजपा सरकार द्वारा ही प्रदेश में 8 मेडिकल कॉलेज की सौगात दी गई और 3 मेडिकल कॉलेज की घोषणा की गई, अगर 17 माह में सरकार कुछ काम करती तो वह आज नजर भी आता, बड़े-बड़े दावे करने के बजाए संसाधन उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की जवाबदेही बनती है।
अगर सरकार मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाती, वेंटिलेटर की व्यवस्था करते और जमातियों को चिन्हित करके क्वारेंटाइन कर दिया जाता तो आज बेहतर स्थिति होती। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री के अलग-अलग सुर और अलग-अलग मत दिखाई पड़ रहे हैं, जब सब कुछ अच्छा था तो हम दोनों ने किया हमारे भरोसे ही कोरोना ठीक हुआ और जब स्थिति बिगडऩे लगी तो केंद्र सरकार पर ठीकरा फोडऩे की घृणित मानसिकता ऐसे पद पर बने हुए लोगों को शोभा नहीं देती।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि संकट के इस नाजुक क्षणों में सभी को मिलजुलकर एक होकर संगठित रूप से कोरोना संक्रमण के खिलाफ प्रयास करने होंगे, तभी सफलता मिल सकती है आपस में लडऩे और राजनीति करने से बात बिगड़ सकती है। डॉक्टर रमन सिंह ने केंद्र सरकार के आम जनों के हित में किए गए प्रयासों की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि 170,000 करोड़ रुपए गरीबों के खाते में सीधे डाले गए जिससे 20 करोड़ गऱीब लोगों को इसका लाभ मिलेगा। बुजुर्ग एवं दिव्यांगों के लिए 3 माह तक 1000 रु. प्रति माह की किस्त उनके खातों में सीधे ट्रांसफर की गई। 8 करोड़ से ज्यादा एलपीजी कनेक्शन नि:शुल्क वितरण किए जा रहे हैं। मेडिकल अधोसंरचना के निर्माण हेतु पंद्रह सौ करोड़ रुपए जारी किए गए हैं और इन सब के बावजूद सभी राज्यों पर मोदी जी सतत नजर रखे हुए हैं और स्टेज 3 में करोना की चैन को तोडऩे के लिए मोदी जी लगे हुए है और यहां लोग उन्हें हतोत्साहित करने की राजनीति कर रहे है, जो निंदनीय है।