महामारी के खिलाफ लड़ाई लंबी है और अधिक सक्रियता से कार्य करने की जरूरत-कलेक्टर श्री मौर्य
राजनांदगांव(दावा)। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने राजनांदगांव जिले कोरोना के एक पॉजिटिव केस मिलने के बाद महामारी की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन राजनांदगांव द्वारा कार्ययोजना बनाकर प्रतिबद्धता के साथ मैदानी स्तर पर किए गए बेहतर कार्यों की सराहना ही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति पर आज नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री लव अग्रवाल ने कहा कि देश के 15 राज्यों के 25 ऐसे जिले जहां पिछले 14 दिनों में कोई पॉजिटिव केस नहीं आये हैं उनमें राजनांदगांव जिला भी शामिल है। श्री अग्रवाल ने कहा कि जिला प्रशासन तथा फ्रंट लाइन के कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों और कार्यो के परिणाम स्वरूप ऐसे अच्छे परिणाम आये हैं। पिछले 14 दिनों में कोई नए पॉजिटिव केस नहीं आये हैं।
कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने कहा कि जिले में एक पॉजिटिव केस मिलने के बाद सभी सहयोग से सक्रियता पूर्वक सुरक्षात्मक उपाय के कार्य किए गए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों और अन्य पैरा मेडीकल स्टॉफ के सतत इलाज की वजह से राजनांदगांव के एक संक्रमित व्यक्ति ठीक होकर घर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि हमनें संक्रमित व्यक्ति को इलाज के लिए दूसरी जगह भेजने के बजाय राजनांदगांव में ही इलाज किया।
श्री मौर्य ने कहा कि जिले में महामारी की रोकथाम के प्रयासों में जिला एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों ने सकारात्मक सहयोग दिया। स्वच्छता कर्मियों और दीदियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर दायित्वों का निर्वहन किया। मीडिया प्रतिनिधियों का योगदान सराहनीय है। कलेक्टर ने कहा कि अब हमें सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसमें आम जनता का पूरा-पूूरा सहयोग चाहिए। प्रशासन और पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी इस कार्य में पूरी लगन से लगे हैं परन्तु इस कठिन कार्य को पूरा करने आम नागरिकों का सहयोग जरूरी है। उन्होंने आम जनता से इसके लिए सहयोग की अपील की है।
कलेक्टर श्री मौर्य ने अधिकारियों-कर्मचारियों के अभी तक के कार्यो पर संतोष व्यक्त किया है। इसके
साथ उन्होंने कहा कोरोना महामारी को रोकने अभी हमें लंबी लड़ाई लडऩी है। उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने पर नाराजगी भी जताई। श्री मौर्य ने कहा कि इसके लिए आम जनता में जागरूकता लाने की जरूरत है। इसमें स्वम सेवी संस्थाओं की मदद की जरूरत है। आम लोगों में जागरूकता लाने गांव-गांव में काम करना है। अब तो अधिकारियों-कर्मचारियों को और अधिक सक्रियता कार्य की आवश्यकता है। कहीं पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।