Home छत्तीसगढ़ सोशल डिस्टेंसिंग में लगे लिपिक की अटैक से मौत

सोशल डिस्टेंसिंग में लगे लिपिक की अटैक से मौत

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वालिंटियर के रूप में सेवा दे रहे लिपिक व शिक्षक

डोंगरगांव(दावा)। नगर के सहकारी बैंक के सामने वाले भीड़ को नियंत्रित कर सोशल डिस्टेस बनाने तथा हितग्रहियों को सेनेटाईजेशन के लिए वालेंटियर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे 54 वर्षीय गेवलराम साहू की सेवा के दौरान अचानक मृत्यु हो गई.
घटना के समय श्री साहू जिला सहकारी केन्द्रिय बैंक मर्यादित के हितग्राहियों को सैनिटाइजर दे कर निर्धारित दूरी बनाने की अपील कर रहे थे कि इसी दौरान उन्हें अचानक चक्कर आ गया तथा उनके साथ खड़े सहकर्मी देवकुमार पटेल उन्हें बैंक के भीतर ले गए व इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी और आननफानन में तहसीलदार की गाड़ी से उन्हें उपचार के लिए अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटना सुबह साढे 11 बजे की है जब श्री साहू बैंक के बाहर भीड़ को नियंत्रित करने में लगे हुए थे. वे प्रात: 9 बजे से ही अपनी सेवाएं बैंक व सब्जी बाजार के रास्ते में आने वाली भीड़ को दे रहे थे. अस्पताल में मृतक के परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार वे शुगर के मरीज थे तथा कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी. ज्ञात हो कि श्री साहू मुख्य रूप से ग्राम कलंगपुर बालोद जिले के निवासी हैं तथा वर्तमान में वह द्वितीय श्रेणी लिपिक के रूप में अपनी सेवाएं शासकीय हाईस्कूल ग्राम जंतर में दे रहे थे.
क्षेत्र में इस घटना को लेकर शोक की लहर है, वहीं शिक्षक वर्ग में घटना को लेकर आक्रोश की स्थिति है. इधर बीएमओ की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम किया है तथा शव को पोस्टमार्टम के उपरांत परिजनों को सौंप दिया गया है, जहाँ स्थानीय मुक्तिधाम में ही अंतिम संस्कार किये जाने के निर्देश प्रशासन की ओर दिए जाने की खबर है.
इस संदर्भ में बीईओ आर.एल.पात्रे ने बताया कि मृतककर्मी के परिजनों को शासन के नियमानुसार तत्काल अग्रेसिया की राशि 50000 रू. प्रदान की जा रही है. साथ ही अनुकंपा नियुक्ति के संदर्भ में भी दस्तावेज मृतक के परिजनों को दिए गए तथा उच्च कार्यालय से निर्देशानुसार जो भी उचित कार्रवाई होगी, इस संदर्भ में तत्काल की जावेगी.
इधर छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने कोरोना वारियर्स के रूप में अपनी सेवाएं देने वाले लिपिक श्री साहू के परिजनों के लिए 50 लाख रूपये की मांग की है. प्रशासन की तरफ से तत्काल किसी भी प्रकार की सहयोग राशि की घोषणा नहीं की गयी है और सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर शिक्षकों को परेशान किये जाने की बात संघ के पदाधिकारियों ने विज्ञप्ति के माध्यम से की है.

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