आयुक्त को ज्ञापन सौंप कर की गई जांच की मांग
राजनांदगांव(दावा)। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सैनेटाइजर का उपयोग हाथ में लगाने के लिए होता है, लेकिन इस महामारी के दौर में भी कांग्रेसी सेनेटाइजर व मास्क की खरीदी में हाथ की सफाई दिखाने से नहीं चूक रहे। उक्ताशय का आरोप लगाते हुए पूर्व महापौर व निगम में नेता प्रतिपक्ष शोभा सोनी ने आयुक्त को ज्ञापन सौंप कर सैनिटाइजर व मास्क खरीदी में कांग्रेसी की सामने आ रही घोटाले की बू के सन्दर्भ में जांच की मांग की है।
श्रीमती सोनी ने ज्ञापन के पूर्व सैनिटाइजर मास्क व लोगों में वितरण की जाने वाली अन्य सामग्रियों का मुआयना भी किया। इस दौरान पार्षद शिव वर्मा, सावन वर्मा आदि उपस्थित थे। श्रीमती सोनी ने ज्ञापन में कहा है कि पार्षद निधि से क्रय की जाने वाली सेनेटाइजर एवं मास्क की दरों एवंम उनकी गुणवत्ता तथा क्रय की गई। प्रक्रिया के सन्दर्भ में जांच की जाए क्योंकि इन उपयोगी चीजों की खरीदी में महापौर को भी विश्वास में नहीं लिया गया और 40 लाख के सैनिटाइजर व मास्क की खरीदी कर ली गई। इस घटिया क्वालिटी के सैनिटाइजर एवं मास्क की खरीदी पर जांच की जानी आवश्यक है।
श्रीमती सोनी ने यह भी कहा कि निगम के द्वारा पार्षदों की निधि से क्रय कर प्रदाय की जाने वाली सैनेटाइजर की क्वालिटी गुणवत्ता विहिन एवं दरों में अधिकता इस कार्य के प्रति अनेक संदेहो को जन्म देता है। आज कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहे लोग अपना काम धंधा छोड़ कर घरों में दुबके बैठे हुए है। इन गरीब व जरूत मंद लोगों के सहयोग के लिए जिला प्रशासन से लेकर समाज सेवी संगठन सामने आकर मुक्त कंठ से खाद्य पदार्थ व दैनिक आवश्यकताओं की सामग्री सहित मास्क आदि प्रदान कर रहे है, ऐसे समय में कांग्रेस के लोगों को हाथ की सफाई दिखाने को सूझ रहा है। श्रीमती सोनी ने आयुक्त को सौपे अपने ज्ञापन में इसकी खरीदी के लिए कब टेण्डर की प्रक्रिया अपनाई गई एवं किस आधार पर इस जीवन रक्षक व
जीवनोपयोगी सामग्री की गुणवत्ता जांचे बिना कार्यादेश प्रदाय का वितरित करने का अधिकार दिया गया इसकी पूरी जांच सहित उक्त सामग्री को प्रदाय किये
जाने वाले फर्म व उक्त वस्तु के निर्माण की लाइसेंस एवम गुणवत्ता मानक से सम्बधित प्रमाण पत्र की वैधता तथा उसकी प्रति को सार्वजनिक किये जाने की मांग की है।