राजनांदगांव(दावा)। लाक डाऊन के चलते पानाबरस वन विकास मंडल का पूरा अमला जिला मुख्यालय में आराम फरमा रहा है और फील्ड में कोई झांकने वाला भी नहीं है। इसी का फायदा उठाते हुए लकड़ी तस्कर सागौन जैसी बेशकीमती लकड़ी की कटाई और तस्करी को अंजाम दे रहे हैं। इसकी पुष्टि वन विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से हुई, जब मोहला क्षेत्र के पानाबरस में 350 नग सागौन और बीजा लकड़ी के चिरान की जप्ती की गई।
सूत्रों के अनुसार वन विभाग की टीम ने पानाबरस वन विकास निगम क्षेत्र के कुंवारदल्ली में छापा मारा। इस दौरान एक ग्रामीण के घर से दो दीवान, सागौन बीजा के 350 चिरान लगभग चार घन मीटर चिरान लकड़ी जप्त की गई। आरोपी के खिलाफ वन विभाग की टीम ने मामला दर्ज कर लिया है। जप्त की गई सागौन की कीमत लगभग पांच लाख रुपये बताई जाती है. ग्रामीण क्षेत्रो में सागौन की अवैध कटाई तथा तस्करी की शिकायतें वन विभाग के अधिकारियों को लंबे समय से मिल रही थी।
वन मंडलाधिकारी बीपी सिंह के निर्देश पर उप वनमंडल अधिकारी एसएस दोहरे ने सर्च वारंट जारी किया। इसके बाद वन परिक्षेत्र अधिकारी अम्बागढ़ चौकी जीवन भोंडेकर के नेतृत्व में विभाग की एक टीम ने ग्राम कुंवारदल्ली निवासी कनस कोरटिया के मकान में दबिश दी, जहाँ से दीवान, पलंग तथा दरवाजे की चौखट के लिए काटे गए सागौन लकड़ी सहित ल_े बरामद किए गए जिसे वन विभाग की टीम ने जप्त कर लिया है। बताया जाता है कि पानाबरस वन विकास निगम मोहला क्षेत्र के देववाड़वी जंगल से अवैध कटाई कर सांगौन का परिवहन लॉकडाउन कर सागौन का परिवहन किया गया था।
सवालों के घेरे में पानाबरस मंडल
सवाल उठाए जा रहे हैं कि पानाबरस वन विकास निगम के क्षेत्र इतनी भारी मात्रा में सागौन और बीजा के चिरान डंप थे और पानाबरस निगम के अधिकारियों को इसकी भनक भी नहीं लगी। क्या पानाबरस वन विकास निगम के अधिकारी या कर्मचारी जंगलों का निरीक्षण नहीं करते है? क्या इन अधिकारियों का सूचना तंत्र कमजोर है? क्या इनके क्षेत्र में वन विभाग द्वारा छापा मारा जा रहा था, इसकी भी भनक पानाबरस वन विकास निगम के अधिकारियों को नहीं लगी?
पानाबरस परियोजना वनमण्डल के एसडीओ दीपक उईके ने बताया कि वन विभाग द्वारा पानाबरस विकास निगम के एक गाँव से एक व्यक्ति के घर में छापकर सागौन और बीजा के चिरान जप्त किया गया है। वन परिक्षेत्र अधिकारी अंबागढ़ चौकी जीवन भोंडेकेर ने बताया कि सागौन की अवैध कटाई तथा तस्करी की शिकायत पर कार्रवाई की गई है। लगभग साढ़े चार घन मीटर सागौन, चिरान जप्त की गई। जांच की कार्रवाई जारी है। वन विभाग की इस कार्यवाई में सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी श्याम मिश्रा कौड़ीकसा वनरक्षक पुरूषोत्तम राजपूत, बजरंग क्षत्रीय, जीवन परिहार, रेखचन्द भूआर्य, खेमचंद देशलहरा, कु. उर्वसा तथा मुकेश नेताम आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।