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हेलमेट पहनने की अनिवार्यता से लोगों में जबर्दस्त आक्रोश

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कहा- लाकडाऊन में बेरोजगार हो चुके लोग कैसे खरीदें हेलमेट?
राजनांदगांव(दावा)। कलेक्टर द्वारा लाक डाऊन के दौरान छूट की अवधि को बढ़ाए जाने के साथ ही एसपी द्वारा हेलमेट पहनना अनिवार्य किए जाने से लोगों में तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि कलेक्टर द्वारा जब छूट की अवधि बढ़ाई जा रही है तो उस पर एसपी द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से उस आदेश को क्रास करते हुए भीड़ को नियंत्रित करने का कारण बताकर हेलमेट को अनिवार्य किया जा रहा है। इस तरह एक अधिकारी द्वारा दूसरे अधिकारी के आदेश को चुनौती देने जैसा काम किया जा रहा है, जिससे कंट्रोवर्सी की स्थिति में आम जनता पीसने के लिए विवश है। ज्ञात हो कि सोमवार को प्रेस वार्ता के माध्यम से जिले के नए पुलिस कप्तान जितेन्द्र शुक्ला द्वारा जानकारी दी गई कि लाकडाऊन की अवधि में दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। हेलमेट पहनने की अनिवार्यता के आदेश को लेकर लोगों में अब जबर्दस्त आक्रोश देखा जा रहा है। करीब माह भर से अपने घरों में कैदियों की तरह जीवन-बसर कर रहे लोगों की
रोजी-रोजगार पहले ही समाप्त हो चुकी है। कई परिवारों में जीने-मरने की नौबत आन पड़ी है। लोग बेरोजगारी और भूखमरी के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में लोगों के सामने दुविधापूर्ण स्थिति बनी हुई है कि वे खाने-पीने की चीजें खरीदें या हेलमेट? नागरिकों का कहना है कि लाक डाऊन के दौरान करीब माह भर से कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के तहत रोजाना सुबह सात से बारह बजे तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जरूरी लेनदेन के लिए छूट दी गई थी। उसके बाद से लोग इसका पालन भी करते आ रहे थे और अभी भी लोग शासन-प्रशासन के आदेश व निर्देशों का पालन करते आ रहे हैं। इस बीच रविवार को दोपहर में कलेक्टर द्वारा आदेश प्रसारित किया गया कि सोमवार को शहर सहित जिले के नगरीय निकाय क्षेत्रों में पूर्णत: तालाबंदी यानि लाकडाऊन रहेगा। इसके बाद हर सोमवार को ऐसे ही लाक डाऊन रहेगा। इस आदेश के ठीक दूसरे दिन नया आदेश जारी कर छूट की अवधि को पांच घंटे से बढ़ाकर नौ घंटे कर दी गई। जब छूट की अवधि बढ़ाने की जानकारी हुई तो अपने घरों में कैदियों की तरह जीवन जी रहे लोगों को लगा कि अब उन्हें आवश्यक कामकाज के लिए अधिक समय मिलेंगा, किंतु पुलिस कप्तान के उस आदेश ने लोगों को निराश कर दिया, जिसमें कहा गया कि जो भी दोपहिया वाहन चालक शहर में निकलेंगे, उन सभी को हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा।

कलेक्टर के आदेश पर एसपी का फरमान भारी
छूट की अवधि कम हो पर हेलमेट अनिवार्य न करें
ज्ञात हो कि एसपी द्वारा यह कहकर हेलमेट को अनिवार्य करने का तर्क दिया गया है कि छूट की अवधि में जब लोग हेलमेट पहनकर निकलेंगे तो इससे भीड़ कम होगी और जिनके पास हेलमेट है, वहीं लोग अपने घरों से बाहर निकलेंगे। वहीं लोगों का तर्क है कि जिन दोपहिया वालों के पास यदि हेलमेट नहीं है और उन्हें किसी जरूरी काम से बाजार या शहर में आना-जाना हो तब उनके पास कोई विकल्प नहीं है। दरअसल हेलमेट को अनिवार्य करने के आदेश से लोगों में काफी रोष देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि लाकडाऊन में रोजाना पांच घंटे तक छूट की अवधि के दौरान उन्हें कलेक्टर के आदेश को मानने में कोई दिक्कत नहीं हुई बल्कि यह सब उनकी दिनचर्या में शामिल हो चुका था। इसलिए आदत अनुसार लोग छूट की अवधि में ही अपने जरूरी कामकाज पूरा कर लेते थे। अब जबकि छूट की अवधि बढ़ा दी गई है, ऐसे में हेलमेट को अनिवार्य किए जाने से लोगों के मन में यह सवाल कौंध रहा है कि जब भीड़ को कंट्रोल करके रखना ही है तो छूट की अवधि बढ़ाकर लोगों के लिए नई मुसीबत पैदा करने की आखिर जरूरत ही क्यों पड़ रही है? लोगों का यह भी कहना है कि छूट की अवधि को भले ही पहले की तरह सात से बारह बजे तक रखा जाए, किंतु हेलमेट के नाम पर छूट की अवधि को न बढ़ाई जाए।

रोजाना नए-नए आदेश से बढ़ी लोगों की परेशानी शहर में लाक डाऊन के दौरान पहले पूरा बंद फिर दूसरे दिन नौ घंटे की छूट, उस पर हेलमेट पहनकर घूमने की बाध्यता जैसे निर्णयों ने लोगों को हैरत में डालकर रख दिया है। लोगों के जेहन में यह सवाल भी है कि सप्ताह में सिर्फ एक दिन पूर्णत: लाकडाऊन उसके बाद शेष दिनों में नौ-नौ घंटे की छूट देने के पीछे क्या लॉजिक है? यह लोगों की समझ से बाहर है। ज्ञात हो कि कलेक्टर के द्वारा ही पहले फ्लाई ओवर के नीचे सब्जा पसरा लगवाने का आदेश दिया गया था। उसके बाद कुछ दिनों तक लोगों ने अपनी सब्जी दुकानें भी लगाई। गुरूद्वारा तिराहे से लेकर पोस्ट आफिस चौक तक फ्लाई ओवर के नीचे करीब एक किमी. तक की दूरी में सब्जी बेचने वालों ने अपना कारोबार किया। इस बीच ग्राहकों को ने तो अपने वाहनों की पार्किंग में कोई दिक्कत हुई और न ही खरीददारी करने में। उसके बाद फिर आदेश निकाला गया कि अब वार्डों में ही सब्जी पसरा लेंगे। इसके बाद सब्जी विक्रेताओं के लिए नए-नए आदेश जारी किए गए।

एसपी ने कांग्रेस नेताओं की भी नहीं सुनी
हेलमेट की अनिवार्यता के मामले को लेकर आज महापौर हेमा देशमुख, शहर कांगे्रस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा, प्रदेश कांग्रेस महासचिव शाहिद खान, थानेश्वर पटिला, निगम अध्यक्ष पप्पू धकेता, रुपेश दुबे, अमीन हुड्डा, पार्षद ऋषि शास्त्री आदि ने एसपी जितेन्द्र शुक्ला से मुलाकात की। इस दौरान नेताओं ने उन्हें बताया कि अभी लाकडाऊन के चलते लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट है। लोगों के हाथ खाली हैं। खाने-पीने को लाले पड़े हैं। लोगों के पास अभी पर्याप्त पैसा भी नहीं है, इसलिए अभी हेलमेट पहनने को अनिवार्य न किया जाए। किंतु हैरत की बात रही कि एसपी उन नेताओं की बातों को मानने को तैयार नहीं और यह कह दिया कि आप लोगों की बातों में दम नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए हेलमेट को अनिवार्य करना जरूरी है। हालांकि इस बारे में महापौर हेमा देशमुख का कहना है कि एसपी को हेलमेट के कारण लोगों को होने वाली परेशानियों के बारे में अवगत कराया गया। एसपी ने अभी हेलमेट को अनिवार्य करने की बजाय लोगों को समझाईश देने का भरोसा दिया है।

हेलमेट अनिवार्य करने के पीछे लाकडाऊन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना है, ताकि लोग अनावश्यक रूप से शहर व बाजार में भीड़ न बढ़ाएं। इसके लिए पहले लोगोंं को समझाईश देने के साथ ही जागरूक व प्रेरित किया जाएगा। उसके बाद 3 मई के बाद इसे अनिवार्य किया जाएगा। -जितेन्द्र शुक्ला, एसपी

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