कश्मीर घाटी के अंवतीपूरा के बेंगपुरा में भारतीय सेना को बहुत बड़ी सफलता मिली है। सेना ने मोस्ट वान्टेड हीजबुल कमान्डर रियाज नाइकू को यमलोक पहुंचाया है। पिछले आठ वर्षों से कश्मीर में नाइकू आतंकी कृत्यों में मशगुल था। केन्द्र सरकार ने आतंकवादी हीजबुल कमान्डर पर 12 लाख रूपयों का इनाम रखा था। सेना को बेगपुरा गांव में नाइकू के होने की जानकारी मिली थी। जिस आधार पर उसके घर की चारों ओर से घेराबंद की गई थी। इसी दौरान, सेना ने उसके पूरे घर को बम विस्फोट से उड़ा दिया, जिसके कारण आतंकी रियाज नाइकू की मृत्यु हो गई थी।
रियाज नाइकू पूर्व में शाला शिक्षक था। किन्तु, अचानक वह लड़ायक बना और आतंकवाद का पोषण करने लगा। कश्मीर घाटी में हीजबुल मुज्जाहिदिद्न का मुख्य कमान्डर बन गया। 2016 में वह आतंवाद के पोस्टर बाय के रूप में प्रसिद्ध हो गया था। पिछले आठ सालों से रियाज ने कश्मीर घाटी में अपनी स्थिति को सुदृढ़ कर लिया था। मार्ग भटक गए युवाओं को रियाज ने अपने वश में करके आतंक के मार्ग में चलने विवश कर दिया और वह उनका नेता बनने में सफल हो गया था। जिसके कारण रियाज के परिवारजनों ने आतंकी रियाज के साथ सारे संबंध तोड़ दिए थे।
एक शाला शिक्षक आतंकी कैसे बना? उसकी दिलचस्प कहानी यह है कि 2010 में कश्मीर में सरकार विरोधी उग्र प्रदर्शन हुआ। जिसमें 17 वर्षीय युवा अहमद मट्टो की मौत हो गई थी। कश्मीरियों का आरोप था कि सुरक्षा दलों ने अश्रुगैस का उपयोग किया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी। उसके बाद पुलिस ने थोक की तादात में लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसमें रियाज नाइकू भी शामिल था। कहते हैं, गिरफ्तार हुए लोगों पर पुलिस ने सख्ती के साथ टार्चर किया था, उसी के बाद से जेल से बाहर आने के बाद वह समाज की मुख्य धारा से विमुख हो गया और सरकार का विरोधी बन गया था।
उसके बाद, घरवालों से भोपाल पढऩे के नाम से जाने के लिए निकला और आतंकवादियों के दल में शामिल हो गया। कश्मीर में सक्रिय बड़े आतंकी संगठन हीजबुल मुज्जाहिदिद्न के साथ जुडक़र वह बड़े कारनामों को अंजाम देने लगा था। वह शिक्षित किन्तु शातिर था। पुलिस पर दबाव बढ़ाने वह पुलिस परिवार के सदस्यों का ही अपहरण करने लगा था। दक्षिण कश्मीर में छह पुलिस वालों के 11 परिवारजनों का अपहरण करके अपने पिता को पुलिस की कस्टडी से छुड़ाया था। मुख्य कमान्डर बना रियाज कश्मीर में आतंकी कमान्डरों के जनाजे मेें गन सेल्युट देने की परम्परा शुरू की थी। एक मरतबे, एक जनाजे में रियाज नाइकु ने पाकिस्तान को समर्थन देने की बात की थी। हिजबुल से जुडऩे के बाद वह केवल पांच वर्षो में ही चीफ बन गया था। टेक्नालाजी में उसकी मास्टरी थी। मोबाईल और इन्टरनेट का उपयोग करके अपना संदेश फैलाया और सेना को भी गुमराह करने का प्रयास करने लगा। सेना में मोस्टवान्टेड आतंकियों की सूची रियाज ‘‘ए डबल प्लस’’ की कैटेगरी में था। उस पर 12 लाख रूपयों का इनाम था। सुरक्षा दलों के साथ उसकी पूर्व में अनेक मरतबे मुठभेड़ हुई थी। किन्तु हर मरतबे वह बचकर भाग निकलने में सफल रहता था। रियाज में यह खूबी थी कि वह जिस घर में भी रहता था, वहां वह भाग निकलने के लिए सुरंग बनाता था। जिसका उपयोग वह संकट के समय भागने के लिए करता था। सुरक्षा दलों को उसकी इस योजना की जानकारी विलम्ब से हुई।
गत दिनों जब रियाज नाइकू की चारों ओर से घेराबंदी की गई थी तब रियाज वहां निर्मित सुरंग से भाग निकलने का प्रयत्न कर रहा था। परन्तु, सुरक्षा दलों को उसके प्लान की पूर्व में जानकारी हो गई थी। इस कारण, सुरंग में बम फिट कर विस्फोट करके उसे मौत दी थी। जम्मू और कश्मीर में जब से 370 वीं कलम को नेस्तनाबुद किया गया था, तभी से पाकिस्तान किसी भी प्रकार से कश्मीर की व्यवस्था में व्यवधान पहुंचाने वह सक्रिय रहता था। कश्मीर में आतंक फैलाने की कमान हीजबुल मुज्जाहुद्दीन के हाथ में है। हीजबूल मुज्जाहिद्दीन का चीफ सैयद सलाहुद्दीन वर्तमान में पाकिस्तान में हैं। उसका परिवार कश्मीर में है। आश्चर्यजनक यह कि सैयद सलाहुद्दीन पाकिस्तान में रह कर कश्मीर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देता है। उसके तीन पुत्र कश्मीर सरकार में नौकरी कर रहे हैं। वह कश्मीर के युवाओं को गुमराह कर सरकार के विरूद्ध भडक़ाता है और उन्हें काल के मुख में धकेल देता है। जब कि, उसके तीन पुत्र बड़े आराम से सरकार में नौकरी कर रहे हैं। भारतीय सेना आतंकियों के तमाम नापाक इरादों को ध्वस्त करने में सुसज्ज हुई हैं।