Home छत्तीसगढ़ बच्चों ने कहा-घर वापसी पर मुख्यमंत्री के शुक्रगुजार हैं हम

बच्चों ने कहा-घर वापसी पर मुख्यमंत्री के शुक्रगुजार हैं हम

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कोटा में फंसे राजनांदगांव के 83 बच्चों की सुरक्षित वापसी
राजनांदगांव(दावा)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर लॉकडाउन के दौरान राजस्थान कोटा में फंसे छत्तीसगढ़ के बच्चों को वापस लाया गया है। इन बच्चों को छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के क्वारेन्टाइन सेंटर में रखा गया था, जहां पर उनका विशेष रूप से स्वास्थ्य परीक्षण कर अन्य सुविधा, उपलब्ध कराई गई थी। जिले के 83 बच्चों को बिलासपुर के अलग-अलग क्वारेन्टाइन सेंटर में रखा गया था, जिसे कल शाम बस द्वारा जिला मुख्यालय के पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम राजनांदगांव लाया गया। इनमें 52 छात्र एवं 31 छात्राएं शामिल हंै। यहां आने के बाद तत्काल बच्चों के लिए नाश्ता दिया गया। बच्चों को अभिभावक के साथ घर जाने के पहले उन्हें निर्धारित प्रारूप में शपथ पत्र जमा कराया गया। जिसमें छात्रों तथा पालकों को क्वारेन्टाइन की शेष अवधि में स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार पालकों और बच्चों को घर पर ही क्वारेन्टाइन में रहने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने संबंधी जानकारी दी गई थी। शपथ पत्र जमा करने के बाद बच्चों को उनके पालकों को सौंपा गया।
कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य के मार्गदर्शन पर एसडीएम मुकेश रावटे, जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम, जिला शिक्षा अधिकारी हेमंत उपाध्याय सहित अन्य अधिकारियों ने बच्चों को उनके पालकों को सौंपने तक उपस्थित रहे। ऑडिटोरियम में स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौजूद थी। यहां बच्चों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन की जानकारी दी गई और लगातार हेण्ड सेनेटाईज करने के लिए कहा गया। राजनांदगांव की छात्रा ललिता जांगड़े ने बताया कि जब वे कोटा में थी तभी कोरोना वायरस के डर से पढ़ाई नहीं कर पा रही थी। जब यह पता चला की सरकार ने उनको वापस लाने के लिए बस भेजी है तो मन की चिंता दूर हुई। उन्होंने कहा कि अब अपने जिले में आ जाने से बहुत खुशी महसूस हो रही है और इसके लिए उन्होंने तहे दिल से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया। राजनांदगांव के पंकज ने बताया कि कोरोना संक्रमण की विभिषिका से मन भयभीत था और घर वापस आना चाहता था। ऐसे में जब सूचना मिली की शासन की ओर से आने के लिए बस भेजी गई है तो सुकुन मिला। अब यहां अपने परिवार के साथ बहुत सुरक्षित महसूस कर रहा हूं। वहीं मानपुर विकासखण्ड के ग्राम औंधी की सेतु जांगड़े ने कहा कि छत्तीसगढ़ आने के बाद उन्हें क्वारेंटाइन में रखा गया था। जहां सभी सुविधाएं उपलबध कराई गई थी। नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा था। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बच्चों तथा पालकों को 14 दिन होम आइसोलेशन का पालन करना होगा। परिवार के कोईभी सदस्य घर से बाहर नहीं जाएंगे और न ही किसी व्यक्ति से मिलेंगे। घर में बाहर से कोई भी नहीं आएंगे। यदि घर के किसी सदस्य को सर्दी, खांसी या बुखार के लक्षण होते है तो वे मास्क जरूर लगाएं और अलग रूम में रहें। डॉ. चौधरी ने कहा कि सभी बच्चे सुरक्षित अपने घर पहुंच गए है, बच्चों टेस्ट कराया जा चुका है और सभी स्वस्थ है। उन्होंने सभी बच्चों को खूब मन लगाकर परीक्षा की तैयारी करने के लिए शुभकामनाएं दी।

बकरी चरवाहे पर गिरी आकाशीय बिजली, मौत
राजनांदगांव (दावा)। सोमनी थानाक्षेत्र के देवादा गांव में बकरी चरा रहे एक चरवाहे पर आकाशीय बिजली गिरने का मामला सामने आया है। घटना में चरवाहे की मौके पर ही मौत हो गई है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार देवादा निवासी 53 वर्षीय रोहित निर्मलकर बुधवार को खेत की ओर बकरी चराने गया हुआ था। इस दौरान शाम को अचानक मौसम में बदलाव आया और गर्जना के साथ आकाशीय बिजली गिरी। बिजली चरवाहे रोहित के उपर ही गिर गया। घटना में रोहित निर्मलकर की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस मर्ग कायम कर पोस्ट मार्टम के बाद शव को उसके परिजनों को सौंप दिया है।

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