राजनांदगांव दावा ।जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गीता घासी साहू का कहना है कि राजनांदगांव जिले के किसान जिन्होंने मक्के की पैदावारी की है उन्हें बेचने के लिए बाजार में उसकी सही दाम नहीं मिल पा रही हैं।जिसके कारण मक्का की पैदावारी करने वाले किसानों की माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं। मक्का खरीदी शुरु नहीं किए जाने से किसान सोसायटी की चक्कर काट रहे हैं। अगर मक्का फसल लेने किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किए गए तो किसानों को मज़बूरी में अपनी उपज को कोचियों एवं व्यापारियों को बेचना पड़ेगा।जिससे उनकी लागत मूल्य भी वसूल नहीं हो पाएगी और किसान सोसायटी के कर्ज में डूब जाएंगे। राजनांदगांव जिले में जल्द ही मक्का की खरीदी पिछले वर्ष की तरह की जाए ताकि किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य भी मिल सके। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को चाहिए कि सोसायटी में मक्का की खरीदी की जाए और जिनका पंजीयन नहीं हुआ है उनका पंजीयन की जाए और किसानों के मक्के के फसल को सोसायटी में समर्थन मूल्य में खरीदी की जाए। और किसानों को उपज का उचित मूल्य भी मिले। किसानों से समर्थन मूल्य से आधे दाम पर कुछ मुनाफा खोर व्यापारी आपात काल में मक्का की खरीदी कर चांदी काट रहे हैं। किसान बेबस और लाचार है। अंबागढ चौकी,मोहला,मानपुर सहित पूरे जिले में रबी फसल में मक्का की जबरदस्त उत्पादन कर अब लूट के शिकार हो रहे हैं। सरकार द्वारा अब तक खरीदी को लेकर समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीदी को लेकर समर्थन मूल्य पर गाईड लाईन जारी नहीं कर पाई है। जिसकी वजह से किसान औने पौने दामों में किसान अपनी गाढ़ी कमाई मक्का बेचने विवश हैं।800 से 1000 में बिक रही हैं मक्का जबकि शासकीय समर्थन मूल्य के अनुसार 1750 रुपए प्रति क्विंटल हैं।