नांदगांव में पहला मामला, ऑपरेशन कर अलग-अलग किया जाएगा- डॉ. पारख
राजनांदगांव(दावा)। शहर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने दो जुड़वा बच्चियों सहित तीन बच्चों को जन्म दिया है। नांदगांव में संभवत: यह पहला मामला है। तीनों बच्चों और महिला अब पारख नर्सिंग होम में डॉक्टरों की देखरेख में है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक महिला ने तीन शिशुओं को जन्म दिया, जिसमें से एक नॉर्मल और दो शिशु ऐसे हैं, जिनके पेट आपस में जुड़े हुए हैं। ऐसे अद्भुत शिशुओं का जन्म 17 मई की रात्रि 11 बजे शहर के पारख नर्सिंग होम में हुआ। तीनों ही बच्चियां जीवित हैं। जन्म लिए जुड़वां बच्चों के सिर दो, हाथ एवं पैर 4-4 किंतु पेट एक है। पारख नर्सिंग होम के संचालक एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मोहन पारख तथा सर्जन डॉ. आदित्य पारख ने बताया कि अंबागढ़ चौकी निवासी हेमंत साहू की धर्मपत्नी श्रीमती यामिनी साहू गत 16 अप्रैल को पारख नर्सिंग होम में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पदमा पारख एवं डॉक्टर रंजीता पारख को दिखाने पहुंची। वह महिला 34 हफ्ते की गर्भवती थी। डॉक्टर ने सोनोग्राफी की सलाह दी तो वह विधि डायग्नोस्टिक में पहुंची, जहां डॉ. अमित मोदी ने सोनोग्राफी की, तब पता चला कि महिला के पेट में तीन शिशु हैं, जिसमें से दो जुड़े हुए हैं और एक अलग है। ऐसे डिलीवरी का मामला पचास हजार मामलों में से एक ही आता है। नांदगांव में संभवत: यह पहला मामला था इसलिए चिकित्सकों ने इसे गंभीरता से लिया और महिला का उपचार शुरू कर दिया। डॉक्टरों के लिए यह मामला चुनौतीपूर्ण था, इसलिए उन्होंने महिला पर विशेष ध्यान देना शुरू किया। यह महिला अंबागढ़ चौकी से नियमित राजनांदगांव पहुंच कर अपने आपको दिखाती रही। 17 मई को यह महिला पारख नर्सिंग होम में रात्रि 10 बजे भर्ती हुई, उस समय उसका पानी जा रहा था। डॉक्टर पदमा पारख एवं डॉ. रंजीता पारख ने तत्काल रात्रि 11 बजे उसका सिजेरियन ऑपरेशन किया। एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉक्टर अंशुल दिवाकर ने महिला को बेहोश किया फिर ऑपरेशन किया गया। महिला के पेट से तीन बच्चियों को बाहर निकाला गया, जिसमें से एक बच्ची अलग थी और दो बच्चियां आपस में जुड़ी हुई थीं। एक बच्ची का वजन 1.5 किलोग्राम और दोनों जुडी़ बच्चियों का वजन 3.7 किलोग्राम है। बच्चियां स्वस्थ हैं तथा डॉक्टर अनिमेष गांधी की देखरेख में हैं। जुडी़ हुई बच्चियों की ऑपरेशन की तैयारी की जा रही है। तीनों ही बच्चियां पीडियाट्रिक आईसीयू में है। डॉ. मोहन पारख एवं डॉ. आदित्य पारख ने बताया कि जुड़ी बच्चियों का वजन 4-5 किलो का हो जाए तो अच्छा रिजल्ट आएगा। इसके लिए चार-पांच माह का इंतजार करना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि जुडी़ बच्चियों को अलग-अलग करने की तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि यह आपरेशन पारख नर्सिंग होम में ही होगा।