राजनांदगांव(दावा)। जिला भाजपा अध्यक्ष, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की पंचायते केंद्रीय योजनाओं के भरोसे ही जीवित है। अन्यथा राज्य सरकार ने पंचायतो को कंगाल बना दिया है तथा ग्रामीण विकास में राज्य की भागीदारी शून्य हो गई है।
श्री यादव ने कहा कि ग्राम पंचायतों में डॉ. रमन सरकार के समय विभिन्न मदों से ग्रामीण विकास के लिए जो राशि मिलती थी, वह कांग्रेस सरकार आने के बाद लगभग समाप्त हो गई है। छत्तीसगढ़ ग्रामीण विकास प्राधिकरण, अन्य पिछड़ा वर्ग प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जनजाति विकास प्राधिकरण, मुख्यमंत्री घोषणा मद,आदि अनेक माध्यमों से विकास तेजी से हो रहा था, लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद इन योजना मदो से राशि स्वीकृत होना बंद हो चुका है जिसके चलते ग्रामीण विकास थम सी गई है।
पंचायतों को अपने स्वयंं के मदों के अलावा सिर्फ केंद्रीय योजनाओं पर आश्रित रहना पड़ रहा है- जैसे प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना, 14 वें वित्त आयोग, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा योजना जैसी केंद्रीय योजना ने ही पंचायतो को जीवित रखा है। राज्य सरकार ने पंचायतों को पूरी तरह से कार्य विहीन कर दिया है, जिसके चलते पंचायतों का विकास पूरी तरह रुक गया है। इससे यह साबित होता है कि राज्य शासन को पंचायतों के विकास से कोई सरोकार नहीं है।
श्री यादव ने कहा कि जो कांग्रेस के जनप्रतिनिधि भाजपा सरकार के चलते क्षेत्र के विकास की जो मांग करते थे, उन मांगों को पूरा करने के लिए अपनी सरकार से क्या पहल की है तथा क्या कार्य योजना तैयार किये हैं? इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए। सरकार को चाहिए कि जिस तेजी के साथ ग्रामीण क्षेत्र का विकास भाजपा शासन में हो रहा था, उसी तेजी के साथ विकास आगे बढ़ें, नहीं तो कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों को त्याग पत्र दे देना चाहिए।