किसान, मजदूर व सभी वर्ग के साथ केन्द्र सरकार ने किया छलावा: कांग्रेस
राजनांदगांव(दावा)। मोदी सरकार पार्ट-2 के एक वर्ष पूर्ण होने पर शहर जिला कांग्रेस द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में शहर अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि आनन-फानन में मोदी सरकार नोटबंदी, जीएसटी के बाद बिना तैयारी लॉकडाउन आदि के बेतुके निर्णय से यह साफ हो गया है कि पिछले 6 वर्षो से देश को भटकाव की राजनिति का सामना करना पड़ रहा हैं। झूठ की बुनियाद पर सरकार चलाना भाजपा की मोदी सरकार की पहचान बन गई हैं, जिसके चलते देश को समाजिक एवं आर्थिक क्षति पहुचाई गई हैं सत्ता पाने के लिए 2 करोड़ नौकरी, बैंकिंग अर्थव्यवस्था सबका साथ सबका विकास, अच्छे दिन किसानो कि आय दुगुनी जैसे बड़े-बड़े वादे एवं घोषणाएं तो की, किंतु उन पर अमल करना तो दूर उसकी कार्य योजना भी मोदी सरकार भी नही बना पाई जिसके कारण देश की जनता हलाकान और परेशान हैं।
श्री छाबड़ा ने कहा कि आम जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारी एवं जवाबदेही का पूर्णता अभाव हैं। लॉकडाउन में 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को बिना खाना, पानी के हजारो कि.मी अपने गांव जाने पर विवश होना पड़ा। मजदूरों एवं प्रवासियों की बदहाली को पूरे देश ने देखा हैं। उसके बाद भी मोदी सरकार ने इन मजदूरों को कोई राहत नही पहुंचाई हैं। हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट की नियुक्तियों को केन्द्र सरकार द्वारा जानबूझकर मंजूर न करने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर खतरे के बादल मंडरा रहा हैं। जज लोया की रहस्यमयी मौत एवं असुविधाजनक जजों का अचानक स्थानांतरण व न्यायपालिका पर अवांछित दबाव बनाने के कुत्सित प्रयास इस सरकार की विरासत पर लगे अमिट दाग हैं।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार मोदी सरकार ने कृषि पर टैंक्स लगाया हैं जैसे खाद पर 5 प्रतिशत, किट नाशक पर 18 प्रतिशत, टेऊक्टर एवं सभी कृषि उपकरणो पर 12 प्रतिशत, टे्रक्टर टायर एवं अन्य पाट्र्स पर 18 प्रतिशत , जी.एस.टी. लगा दिया गया हैं। फसल बीमा योजना बीमा कम्पनीयों के लिए मुनाफाखोरी का माध्यम बन गया है। वर्ष 2016-17 से खरीफ फसल 2019 के बीच किसानों ने 99046 करोड़ रूपये का प्रीमियम दिया हैं। जबकि किसानों को 72952 करोड़ रूपये का ही मुआवजा दिया गया हैं। इस प्रकार बिमा कम्पनी को 26094 करोड रूपये का फायदा हुआ हैं। डी.ए.पी. खाद 2014 में 1075 रूपये प्रति बैग था जो वर्तमान में 1450 प्रति बैग हैं। पोटास का 50 कि.ग्राम वाला बैग 450 रू से बढक़र 969 रू हो गया है सुपर खाद का 50 कि.ग्राम वाला बैग 260 रू से बढकर 350 रू. हो गया हैं और युरिया फर्टिलाइजर के 50 किलो के बैग का मात्रा घटाकर 45 किलो ग्राम कर दिया गया हैं। लेकिन मूल्य में कोई कमी नहीं किया गया हैं। पेट्रोल, डीजल के दामों में बेतहाशा 800 प्रतिशत वृद्धि कर डीजल पर एक्साइज शुल्क 3.56 रू. प्रति लीटर से बढा कर 31.83 रू. प्रति लीटर कर दिया गया हैं जो किसानों के साथ और आम जनता के साथ किया गया धोखा हैं। मोदी सरकार के छह साल में जवानो के सहादत मे 110 प्रतिशत वृद्धि हुई हैं सेना के सौर्य का राजनितिक लाभ लेने के लिए सदैव ततपर रहने वाली मोदी सरकार ने 2020-21 के रक्षा बजट में कटौती कर दी हैं। रक्षा ममलो में जी.डी.पी का 1.58 प्रतिशत दिया गया हैं जो वर्ष 1962 के बाद सबसे कम राशि हैं। मोदी सरकार ने बैंको को चूना लगाया हैं मोदी सरकारों ने इन छह सालो में 666000 करोड रू लोन राईट अप कर दिये हैं। इसी प्रकार कोविड-19 के बीच मोदी सरकार ने मेहूल चौक्सी, निरव मोदी, जतीन मेहता, विजय माल्या आदि के 68607 करोड रू के लोन को राईट अप किया हैं। कोविड से राहत एक बडा जुमला बना 20 लाख करोड रू का कोविड-19 राहत पैकेज, जिसे प्रधानमंत्री जी ने जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर बताया था। वास्तव में जीडीपी का मात्र 0.83 प्रतिशत ही निकला। 60 दिनों से राहत दिए जाने का इंतजार कर रहे देशवासियों, खासतौर से किसानों, मजदूरों, गरीबों, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए यह सबसे अधिक असंवेदनशील एवं निर्दयी छलावा हैं।
प्रेस वार्ता में पूर्व मंत्री धनेश पटिला, वरिष्ठ कांग्रेसी शशिकांत अवस्थी, प्रदेश महामंत्री शाहिद भाई, डॉ. थानेश्वर पटिला, जिला प्रवक्ता रूपेश दुबे, शहर महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती रोशनी सिन्हा, शहर सचिव सूर्यकांत जैन आदि उपस्थित थे।