सरकारी लेटलतीफी से निराश हो रहे दावेदार
राजनांदगांव(दावा)। प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा विभिन्न निगम और मंडलों में नियुक्तियां नहीं होने से शहर सहित जिले के कांग्रेसी नेताओं की बेचैनी बढ़ती जा रही है। ये नेता किसी न किसी निगम या मंडल में लालबत्ती मिलने की आस लगाए डेढ़ से इंतजार में बैठे हुए हैं, किंतु सरकार द्वारा नियुक्ति में विलंब के चलते इन नेताओं को निराश होना पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि कांग्रेस की प्रदेश में 15 सालों बाद सत्ता में वापसी हुई है। सरकार बने डेढ़ साल का समय भी बीत गया, किंतु कांग्रेस सरकार निगम और मंडलों में नियुक्तियों पर ध्यान नहीं दे रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कोरोना संकट के चलते राज्य सरकार खर्चों में कटौती करने के मूड में है, इसीलिए तमाम आयोजनों और फिजूल खर्चों पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं सरकारी नौकरी, होटल खर्च और सभाओं में होने वाले सरकारी खर्चों पर कटौती करने का ऐलान किया है। शासन ने राजकोष का भार कम करने के लिए कई खर्चीले फैसलों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि राजनीतिक नियुक्तियां करने से पहले सरकार का ध्यान है कि आम लोगों में खर्च को लेकर उंगलियां न उठे। निगम और मंडलों की नियुक्तियां विशुद्ध रूप से राजनीतिक होती है। आयोग और मंडलों में नियुक्ति होने से सरकार के खर्च भी बढ़ेंगे। राज्य की कांगे्रस सरकार के कार्यकाल की अवधि तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में सरकारी सुख-सुविधा और राजनीतिक प्रभाव जमाने के लिए कांग्रेस के दावेदार लालबत्ती की सवारी मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। जिले में कांग्रेस के कई दावेदार निजी और सांगठनिक संपर्कों के जरिए पद हासिल करने की जुगत में बताए जा रहे हैं।
वर्तमान में सरकार राजनीतिक नियुक्तियां करने से परहेज कर रही है। दावेदारों की बढ़ती सक्रियता से सरकार पर दबाव भी बढ़ा है। कहा जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया की प्रस्तावित दौरे में इस मसले पर फैसला भी हो सकता है। फिलहाल शहर सहित जिले के कांग्रेसी दावेदार अपने ही सरकार के रूख को लेकर संशय में हैं और जैसे-जैसे समय बीतते जा रहा है, दावेदारो ंकी बेचैनी भी बढऩे लगी है।