Home छत्तीसगढ़ संग्रहण केन्द्रों में खुले आसमान के नीचे 18 लाख क्विंटल धान

संग्रहण केन्द्रों में खुले आसमान के नीचे 18 लाख क्विंटल धान

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मानसून की दस्तक, कस्टम मिलिंग जिला प्रशासन के लिए चुनौती
राजनांदगांव (दावा)। धीमी कस्टम मिलिंग और कोरोना संक्रमण के कारण जिले में खरीदे गए करीब चार सौ करोड़ के धान की कस्टम मिलिंग नहीं हो पाई है। करीब साढ़े 18 लाख क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे संग्रहण केन्द्रों में पड़ा हुआ है। इधर प्री मानसून दस्तक दे चुकी है। ऐसे में बारिश के पहले कस्टम मिलिंग करना प्रशासन के लिए चुनौती है।
जानकारी के अनुसार जिले के 7 संग्रहण केन्द्रों में करीब साढ़े 18 लाख क्विंटल धान पड़ा हुआ है। उपार्जन केन्द्रों से अरवा मिलरों ने धान का उठाव कर लिया है, लेकिन उसना मिलर्स धान का उठाव करने गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। अफसरों ने बताया कि अरवा मिल संचालकों को दिए गए टारगेट पूरा हो चुका है। जिसके चलते अब संग्रहण केन्द्रों में पड़े साढ़े 18 लाख क्विंटल धान का उठाव उसना मिलरों को करना होगा।
धान के भीग कर खराब होने की संभावना
जिले में सिर्फ 15 उसना मिल है। रोजाना डीओ कटने के बाद हर माह मिलरों द्वारा सिर्फ 3 लाख क्विंटल धान का ही उठाव किया जाता है। ऐसे में मानसून दस्तक दे रही है। जिसके चलते अब 4 सौ करोड़ रुपए के धान का निराकरण करना प्रशासन के लिए चुनौती से कम नहीं है। बारिश होने से संग्रहण केन्द्रों में खुले आसमान के नीचे रखे धान का भीग कर खराब होने की संभावना बनी हुई है। बावजूद इसके मार्कफेड द्वारा धान का उठाव कराने गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।
प्रक्रिया पूरी करने में हुई देरी
जानकारी के अनुसार जिले में मोटा धान का उठाव हर साल मिलर करते थे, लेकिन राज्य शासन द्वारा इस बार पोहा मिल मालिकों को मोटा धान बेचने की प्लानिंग थी, इस प्रक्रिया को पूरा करने में राज्य शासन द्वारा काफी देरी की गई। करीब 6 लाख क्विंटल मोटा धान का उठाव अब तक नहीं हो सका है। वहीं अब कहा जा रहा है कि मोटा धान का उठाव मिलर ही करेंगे। देरी के चलते प्रशासन को नुकसान उठाना पड़ेगा।
सिर्फ कैप कवर, शेड नहीं, कैसे होगी सुरक्षा
जिले के संग्रहण केन्द्रों में की सुरक्षा कैप कवर के भरोसे ही किया जा रहा है। करोड़ों रुपए का धान हर साल बर्बाद हो जाता है। इस बाद भी शासन-प्रशासन द्वारा धान की सुरक्षा के लिए शेड़ का निर्माण नहीं किया गया है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि मानसून दस्तक दे रही है और करोड़ों रुपए का धान संग्रहण केन्द्रों में पड़ा हुआ है।

संग्रहण केन्द्रों में साढ़े 18 लाख क्विंटल धान रखा हुआ है। कोरोना के चलते लॉकडाउन के कारण कस्टम मिलिंग में देरी हुई है। अरवा धान का उठाव मिलर्स कर चुके हैं। उसना धान का उठाव जारी है। मिलर्स को जल्द से जल्द धान उठाव के निर्देश दिए हैं।
– सौरभ भारद्वाज, डीएमओ

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