राजनांदगांव। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर मानव दुर्व्यापार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिले में गठित एन्टी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट के उन्नयन के लिए पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला के निर्देशन में और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेशा चौबे के नेतृत्व में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में निर्भया फण्ड के माध्यम से इस यूनिट को और अधिक क्रियाशील बनाने पर जोर दिया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेशा चौबे ने बैठक में अपने विचार रखते हुए कहा कि कोविड-19 में पूरे देश मे लाॅक डाउन के दौरान विभिन्न राज्यों में मजदूरी करने गए हुए मजदूर अपने बच्चों और महिलाओं के साथ अब लौट चुके हैं। लाॅकडाउन खुलने के बाद कई प्लेसमेन्ट एजेन्सियाॅं महिलाओं और बच्चों को दूसरे राज्यों में काम के लिए लेकर जाने की कोशिश कर सकती हैं, ऐसे में कोई ट्रेफिकिंग जैसी घटना न हो इस बात पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
लाॅकडाउन के दौरान और लाॅकडाउन के बाद मानव दुर्व्यापार की संभावना के आधार पर आयोजित बैठक में सभी विभागों की भूमिका तय की गई एवं रणनीति तैयार करने हेतु विषय विशेषज्ञ द्वारा प्रशिक्षण आयोजित किया जाना भी प्रस्तावित किया गया। उक्त बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग से जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश, एनजीओ की ओर से सृजन सामाजिक संस्था के संचालक शरद श्रीवास्तव, जिला बाल संरक्षण अधिकार चन्द्रकिशोर लाड़े, चाइल्ड लाइन समन्वयक विपिन ठाकुर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से राजेश सिंह चन्देल व शिशुपाल सिंह उपस्थित थे। बैठक में उपस्थित सदस्यों ने पंचायत में संधारित पलायन पंजी पर विशेष ध्यान देते हुए उसकी माॅनिटरिंग किए जाने पर भी जोर दिया।