कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के आदेशानुसार छ ग प्रभारी पी एल पुनिया जी के निर्देशानुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी एवं प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम जी के मार्गदर्शन में छ ग प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद भाई ने केन्द्र की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में विफल मोदी सरकार जनता को राहत देने के बजाय थाली ताली दिया जलाने में जनता को गुमराह कर पेट्रोल डीजल के दाम बेतहाशा बढ़ा कर आर्थिक मार झेलने पर विवश कर दी है जिसका असर सीधे जन जीवन पर पड़ा है और प्रदेश में भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता अपने नैतिक दायित्वों को भूल कर छ.ग. सरकार पर मिथ्या आरोप लगाते घूम रहे है और आयातित नेता बुला कर अपनी नाकामी छिपा कर जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी से मुंह छिपा रहे है।
विपदा के इस समय में छ ग की कांग्रेस सरकार ने जनहित की योजनाएं निरंतर लागू कर अर्थव्यवस्था को बिगड़ने से बचा कर रखा था किंतु केन्द्र सरकार पेट्रोल डीजल पर टैक्स लगाकर देश की जनता से मुनाफाखोरी और जबरन वसूली करने 14 मार्च 2020 की रात को केन्द्र की भाजपा सरकार ने पेट्रोल डीजल पर टैक्स लगा दिया और फिर पेट्रोल डीजल पर क्रमश: 10 रूपये व 13 रूपये का टैक्स लगा कर भारी भरकम बोझ जनता को दिया है 14 मार्च से 28 जून के बीच तीन माह में 22 बार मोदी सरकार ने डीजल पर 26रु 48 पैसे और पेट्रोल पर 21रु50 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया है उससे कृषि सहित परिवहन वाहन के भाड़े में बढ़ोतरी हो गई है।
4 मई 2020 को भारत की तेल कंपनियों को कच्चे तेल की लागत 23 रू 38 पैसा अमेरिकी डालर या 1772 रूपये थी और 24 जून 2020 को 3288.71 रु प्रति बैरल था एक बैरल में 159 लीटर होते है तो फिर 20.68 पैसे प्रति लीटर के डीजल पैट्रोल को 80 रु क्यों बेचा जा रहा है यह समझ से परे है। केन्द्र में बैठी भाजपा सरकार ने वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक अर्थात 6 वर्षो मे 12 बार पेट्रोल व डीजल पर टैक्स बढ़ा कर देश की जनता से 17 लाख करोड़ रूपये वसूले है जनता को राहत देने में केन्द्र की भाजपा सरकार पूरी तरह विफल रही है। लाकडाउन के दौरान सामग्रियों को परिवहन वाहन की परेशानी थी अब लाकडाउन हटने से पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से मंहगाई बढ़ रही है जनता अब कोरोना के भय से चिंतित कम भाजपा सरकार की मूल्य वृद्धि नियंत्रण की नाकामी से और मंहगाई से डरी सहमी जिंदगी जीने को मजबूर है।