बेंगलुरु। भारत में कोविड-19 (Covid-19) के मामले मध्य सितंबर में चरम पर पहुंच सकते हैं और अब मुख्य कार्य इस वायरस को खासतौर पर गांवों में फैलने से रोकने का होना चाहिए, जहां देश की दो-तिहाई आबादी रहती है। पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रो. के. श्रीनाथ रेड्डी ने शनिवार को यह कहा।
हालांकि उन्होंने पीटीआई से बात करते यह चिंता भी जताई कि वायरस कहीं अधिक तेजी से फैल रहा है। भारत में इस सप्ताह की शुरुआत में संक्रमण के मामले 10 लाख के आंकड़े को पार कर गए और इस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या 25,000 से अधिक हो गई है। जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ ने कहा कि हम इसे इस स्तर पर पहुंचने से रोक सकते थे, लेकिन अभी भी हम अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश कर सकते हैं और इसके प्रसार को यथाशीघ्र रोक सकते हैं।
रेड्डी ने कोविड-19 के मामले बढ़ने के बारे में कहा कि अलग-अलग स्थानों (राज्यों) में संक्रमण के अपने चरम पर पहुंचने का समय अलग-अलग होगा। यह पूछे जाने पर क्या वे इस बारे में आश्वस्त हैं कि मामले दो महीने में अपने चरम पर होंगे, उन्होंने कहा कि जो कुछ किए जाने की जरूरत है, उसे यदि हर कोई करता है तो…।
उन्होंने यह भी कहा कि यह लोगों के व्यवहार और सरकार के कदमों पर निर्भर करता है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में हृदय रोग विभागाध्यक्ष रह चुके रेड्डी ने कहा कि दूसरे चरण के लॉकडाउन तक नियंत्रण के उपाय बहुत सख्त थे, क्योंकि भारत ने वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि लेकिन 3 मई के बाद जब पाबंदियों में छूट देना शुरू किया गया तब घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना, शीघ्र जांच करना और संक्रमितों को पृथक रखना तथा संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों का जोर-शोर से पता लगाना सहित अन्य उपाय बरकरार रखे जाने चाहिए थे।