Home मध्य प्रदेश कोरोना से बढ़ रहा है स्ट्रेस, योग के जरिए ऐसे स्वस्थ रह...

कोरोना से बढ़ रहा है स्ट्रेस, योग के जरिए ऐसे स्वस्थ रह सकते हैं आप

57
0

ग्वालियर। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने के साथ अच्छी इम्युनिटी पावर मुख्य हथियार है। कोविड-19 के इस दौर में इम्युनिटी बढ़ाने में योग कारगार साबित हो रहा है। आइसोलेशन सेंटर्स से लेकर घरों तक में लोग अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए योग का सहारा ले रहे हैं।

योग प्रशिक्षकों ने भी इसे ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण में काफी बदलाव किया है। अब प्रशिक्षक ऐसे योगाभ्यास करा रहे हैं जो इम्युनिटी के साथ लंग्स कैपेसिटी बढ़ाने में सहायक हैं। योग विशेषज्ञ डॉ. मनोज राठौर बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों में कई शोधों में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 के पीरियड में स्ट्रेस और एंजाइटी में काफी वृद्घि हुई है। स्ट्रेस बढ़ने पर इम्युनिटी पावर कम होती है।

दूसरी ओर कोरोना वायरस लंग्स पर काफी ज्यादा असर डालता है। इन दोनों समस्याओं का समाधान योग में सहज रूप से उपलब्ध है। योग के जरिए स्ट्रेस दूर करने के साथ कुछ ही दिनों में लंग्स कैपेसिटी बढ़ाई जा सकती है। डॉ. राठौर ने बताया कि कोरोना मरीजों को नियमित रूप से लंग्स कैपेसिटी बढ़ाने संबंधी अभ्यास करा रहे हैं। घर में आइसोलेट मरीज और सामान्य व्यक्तियों को भी लंग्स कैपेसिटी बढ़ाने के लिए श्वास संबंधी योगाभ्यास करना चाहिए।

फेफडों तक पहुंचने से पहले रोकें संक्रमण

योग प्रशिक्षक मोनिका जैन बताती हैं कि पिछले कुछ समय में अब हम इम्युनिटी और श्वसन क्षमता को बढ़ाने वाले योगाभ्यास को तरजीह दे रहे हैं। अभी कुछ सामान्य अभ्यासों से इन्हें रिप्लेस कर दिया है। मोनिका जैन ने कहा कि कोरोना वायरस एक दिन तक गले में रहता है और इसके बाद वह फेफड़ों में प्रवेश करता है। ऐसे में उज्जाय प्राणायाम जैसे अभ्यास कर उसके संक्रमण को फेफडों तक पहुंचने से रोका जा सकता है। दूसरी ओर लंग्स की आप जितनी कैपेसिटी बढ़ाओगे तो वायरस से लढ़ने में उतनी ही मदद मिलेगी। जब हम लंग्स की पूरी कैपेसिटी का इस्तेमाल करना शुरू करते हैं तो यह जल्दी साफ होते हैं। इम्युनिटी बढाने के लिए सूर्य नमस्कार भी अच्छा जरिया है, क्योंकि इससे शरीर में गर्माहट आती है।

इम्युनिटी और लंग्स कैपेसिटी बढ़ाने करें ये अभ्यास

1. रेस्पीरोमीटरः यह एक डिवाइस है, जो बाजार में लगभग 300 रुपये में मिल जाती है। इसमें दो तरह से एक्सरसाइज की जाती है, जो है श्वास भरने की और श्वास छोडने की। यह दिन में 3 से 4 बार 30-35 राउंड करना चाहिए।

2. स्टेंडिंग ब्रीदिंग प्रैक्टिसः सीधे खड़े होकर अपना एक हाथ सीने और एक हाथ पेट पर रखें। इसके बाद गहरी सांस लें। सांस लेते समय चेस्ट सामने की ओर आना चाहिए और पेट अंदर जाना चाहिए। इसके बाद कुछ समय के लिए श्वास को रोकें और धीरे-धीरे छोडें। यह एक्सरसाइज 20 बार रिपीट करें।

3. उज्जायी प्राणायामः आरामदायक आसन में बैठकर जोर से श्वास खीचें। श्वास इस तरह से खीचें कि वह गले से रगड़ते हुए अंदर तक जाए। इसमें गले से ध्वनि भी आती है। जब श्वास पूरी भर जाए तो उसे सामान्य रूप से छोड़ें। इसके साथ में कपालभाति का भी अभ्यास करें। यह फेंफडों के टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मददगार है।

5. आसनः इन दिनों योगाभ्यास में उष्ट्रासन, भुजंगासन, धनुरआसन, अर्धचक्रासन, पादहस्तासन का अभ्यास करें। यह सभी आसन फेफडों की क्षमता बढाते हैं और लंग्स को ओपन करते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here