पदुमतरा गांव में बीती रात की घटना, एक गौ-रक्षक पर हमला
राजनांदगांव (दावा)। शहर से कुछ ही दूरी पर स्थित पदुमतरा गांव में बीती रात को मवेशी तस्करी का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के तस्कर यहां से मवेशी तस्करी कर कट्टीपार ले जा रहे थे। गौ-रक्षकों द्वारा तस्करों को पकड़ा गया है। वहीं तस्करों द्वारा एक गौ-रक्षक को वाहन से कुचलने की भी कोशिश की गई है। घटना में गौ-रक्षक घायल हो गया है।
जिले से लगातार मवेशी तस्करी का मामला सामने आ रहा है। जिसको लेकर गौ रक्षक लगातार गांव-गांव में अपनी टीम बनाकर मवेशियों की रक्षा के लिए डटे हुए है। शुक्रवार रात लगभग साढ़े ग्यारह बजे के आसपास पदुमतरा में गौ तस्करी के लिए महाराष्ट्र से आए कुछ लोगों को गौ रक्षकों ने पकड़ा है। इसी बीच मवेशियों से भरी गाड़ी रोक रहे एक गौ सेवक को जबरदस्त ठोकर मार दी। जिसमें वह घायल हो गया. जिसे प्राथमिक उपचार के बाद रायपुर रिफर कर दिया गया है।
लग्जरी वाहन में करते है फालो
मिली जानकारी के अनुसार गत रात्रि कुछ गौ रक्षकों को यह सूचना मिली थी कि पदुमतरा के पास कुछ लोग महाराष्ट्र से आए है और गाय तथा भैंसों को लेकर जा रहे है। जिस पर शहर के गौरक्षक सहित अन्य लोग वहां पहुंचे। उनके पहुंचने से पहले दो गाड़ी पार हो चुकी थी, लेकिन दो गाड़ी वहां थी जो गाय व भैसों को लेकर जाने के लिए आगे-पीछे फालो करती है और यदि कहीं जांच हो तो वह सूचना दे देती है। जिससे गाय व भैंस से भरी गाड़ी चालक सतर्क हो जाता है. इसी बीच एक गौ रक्षक जिसका नाम प्रदीप अंबादे बताया जा रहा है, जो डोंगरगढ़ का निवासी है। जिसे तस्करों की गाड़ी ने जबरदस्त ठोकर मार दी। वहीं मौके पर मौजूद लोगों ने दो गाड़ी पकड़ी है। उसमें कार एमएच 27 एआर 5689, वहीं दूसरी गाड़ी जिसका नंबर एमएच 36 एफ 2707 बताई जा रही है, जिसके खिलाफ दंडनात्मक कार्यवाही की जा रही है।
गाड़ी की नंबर प्लेट में गोबर लगा लेते है
मवेशी तस्करों को संरक्षक देने वालें कुछ लोगों का नाम सामने आ रहा है। जो महाराष्ट्र से गाडिय़ां बुलवाते है और गांव से रात्रि में गाय और भैंस की तस्करी करते है। मिली जानकारी के अनुसार पकड़े गए आरोपी रोहित उर्फ संजय ठाऊकर ने बताया कि उसे भंडारा से देवा नाम के युवक ने बुलाया था और कहा था कि पांडे के ठीए से मवेशी भरना है, लेकिन अपनी गाड़ी में मवेशियों को नहीं भरा क्योंकि मैं देवा के फोन का इंतजार कर रहा था। जब देवा का फोन आया तो वह मवेशी भरने जाता। महाराष्ट्र के तिरोड़ा से गाड़ी भर के आए तस्करों से प्रत्यक्षदर्शियों ने जमकर पूछताछ की तो पता चला कि वे तिरोड़ा से यहां भंैस लेने आए थे। गाड़ी में चार से पांच लोग मौजूद थे. जो तस्करी की गाड़ी के आगे पीछे चलते है और कहीं संदेह हो तो दूसरी गाड़ी वाले को अलर्ट कर देते है। गाड़ी की नंबर प्लेट में गोबर लगा लेते है ताकि गाड़ी का नंबर पूरी तरह से पहचान ना जा सके।