खैरागढ़ (दावा)। फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे बीते आठ साल से सरकारी नौकरी हासिल कर शिक्षाकर्मी के पद पर पदस्थ महिला को अपराध दर्ज होने के पांच महीने बाद पुलिस ने सोमवार की शाम दबिश देकर उसके घर से गिरफ्तार कर लिया.
जानकारी अनुसार दाऊचौरा निवासी रेखा पति खिलेन्द्र नामदेव उ.मा. शाला पांडादाह विखं खैरागढ़ जिला राजनांदगांव में सहायक शिक्षक एलबी (ग्रंथपाल) के पद पदस्थ थी.
दीवानबाड़ा निवासी अजय जैन ने मई माह 2019 को नियोक्ता जनपद पंचायत में शिकायत कर रेखा नामदेव के द्वारा नियुक्ति के दौरान अगस्त 2011 में प्रस्तुत बीएड/बीलिब शैक्षिक योग्यता/अर्हता प्रमाण पत्र रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुये कारवाई की मांग की थी जिसकी लंबी जांच प्रक्रिया के बाद 13 मार्च को डीईओ ने रेखा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर छुईखदान बीईओ अटैच कर दिया था.
निलंबन आदेश में डीईओ ने स्पष्ट कहा था कि जांच अधिकारी द्वारा प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार रेखा नामदेव सहायक शिक्षक एलबी ग्रंथपाल द्वारा प्रस्तुत बीएड/बीलिब शैक्षिक योग्यता/अर्हता प्रमाण पत्र रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर (मप्र) का पत्र क्रमांक/ परीक्षा/ 2019/ 1996/ जबलपुर, दिनांक 07.11.2019 एवं प्राचार्य शासकीय जगन्नाथ मुन्नालाल चौधरी महिला स्नातक महाविद्यालय मंडला (मप्र) का पत्र क्रमांक/ 120/ 2020/ मंडला दिनांक 07.02.2020 के द्वारा सत्यापन में फर्जी प्रमाणित पाये जाने के फलस्वरूप रेखा नामदेव को छग सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम विपरीत पाये जाने के पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है.
मामले में डीईओ के निर्देश पर खैरागढ़ थाने में 14 अप्रैल को रेखा नामदेव के विरूद्ध धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था पर लंबे समय से वह फरार चल रही थी. अंतत: रेखा नामदेव को पुलिस ने सोमवार की देर शाम आरोपी के मकान से गिरफ्तार कर लिया और गिरफ्तारी बाद महिला को मंगलवार सुबह कोर्ट में पेश किया गया जहां जमानत आवेदन खारिज होने के बाद उसे दुर्ग जेल भेज दिया गया है.
मामले में प्रमाण पत्रों की सत्यता पर सवाल उठाते हुये शिकायतकर्ता अजय जैन ने मई माह 2019 में जनपद सीईओ को आवेदन देकर सत्यापन की मांग की थी जिसके प्रतिउत्तर में 7 नवंबर 19 को रानी दुर्गावती विवि जबलपुर द्वारा उक्त प्रमाण पत्रों का अपने द्वारा जारी होने से इंकार कर दिया जिसके बाद जिला सीईओ के निर्देश पर डीईओ द्वारा नियुक्त जांच अधिकारी द्वारा मंडला जिला स्थित शासकीय जगन्नाथ मुन्नालाल चौधरी कालेज से संपर्क कर जानकारी ली तब पता चला कि उक्त सत्र में रेखा कालेज की छात्रा ही नहीं थी वहीं कालेज में इस विषय का पाठ्यक्रम भी संचालित नहीं होता था.
मामले को लेकर रेखा के शिक्षा विभाग में जनवरी माह मे संविलियन के चलते जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा निलंबन की कारवाई की गई लेकिन एक महीने बाद विभाग ने मामले को लेकर उक्त आरोपी के खिलाफ प्राथमिक दर्ज करने के लिये कार्यालयीन आवेदन प्राप्त होने पर रेखा नामदेव के विरुद्ध थाना में अपराध क्रमांक 124/2020 धारा 420, 467, 468 और 471 भादंवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया था जिसके बाद अब पांच महीने बाद पुलिस उसे गिरफ्तार करने में सफल रही.