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बड़ी खबर : जोत जलेंगे या नहीं इसे लेकर असमंजस, गाइडलाइन में इसका कहीं जिक्र नहीं

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राजनांदगांव (दावा)। इस नवरात्रि देवी मंदिरों में जोत जगमगाएंगे या मां का दरबार सुना रह जाएगा। इसे लेकर अब असमंजस बढ़ गया है। क्योंकि जिला प्रशासन द्वारा नवरात्रि के लिए जारी की गई गाइडलाइन में जोत स्थापना का कहीं जिक्र ही नहीं है। जिला प्रशासन द्वारा जारी नियम मूर्ति-पंडालों को लेकर हैं, जबकि मंदिरों के लिए कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं।

गौरतलब है कि नवरात्रि के दौरान मूर्ति स्थापना का उतना ज्यादा ट्रेंड नहीं रहता जितना जोत स्थापना का है। शहर के देवी मंदिरों व डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर में नवरात्रि के दौरान सैंकड़ों भक्त मनोकामना ज्योति कलश की स्थापना करवाते हैं। जिसमें डोंगरगढ़ स्थित मंदिर, शहर के बर्फानीधाम स्थित मां पाताल भैरवी मंदिर में तो प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश-विदेश के भक्त भी जोत जलवाते हैं। इसके लिए पंजीयन की प्रक्रिया डेढ़-दो माह पहले शुरू हो जाती है।

चैत्र नवरात्र में भी लॉक डाऊन का था असर
मार्च में चैत्र नवरात्र के दौरान बहुत से मंदिरों में जोत के पंजीयन हो चुके थे। अचानक लॉकडाउन की घोषणा के बाद मंदिरों पर ताला लग गया और जोत जलवाने की भक्तों की मुराद अधूरी रह गई। तब मंदिर समितियों ने अक्टूबर की शारदीय नवरात्रि में जोत स्थापना करने की बात कही थी। अब नई गाइडलाइन में इसे लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं आने से मंदिर समितियां और भक्त दोनों असमंजस में पड़ गए हैं। परेशान भी हैं कि कहीं पिछली नवरात्रि की तरह इस बार भी उनके मन की मुराद अधूरी न रह जाए।

मंदिर ट्रस्टों की स्थिति खराब
कोरोना संक्रमण के बीच मार्च माह से मंदिरों के पट बंद है। ऐसे में मदिरों में भक्तों का आना-जाना नहीं हो रही है। मंदिरों के खर्च भक्तों के द्वारा किए गए दान से ही होता है। ऐसे में पिछले 6 माह से मंदिरों में भक्तों के नहीं आने से दान नहीं मिल रहा है। दान नहीं मिलने से मंदिर ट्रस्टों व पूजारियों की स्थिति दयनीय हो गई है।

यहां जलते हैं सबसे ज्यादा जोत

2 माह पहले शुरू हो जाते हैं पंजीयन, अब 20 दिन बाकी पर कोई तैयारी नहीं
जिले में देवी मंदिरों की कमी नहीं है। जितने ज्यादा मंदिर हैं, भक्तों की संख्या भी उतनी अधिक है। यही वजह है कि यहां छोटे से छोटे देवी मंदिर में भी हर नवरात्रि में जोत जगमगाते हैं। जिले के डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी देवी के दरबार में सबसे अधिक 4500 के करीब जोत जलते हैं। वहीं शहर के बर्फानी धाम स्थित मां पाताल भैरवी मंदिर में 2000 के आस-पास व शीतला मंदिर में 1500 के आसापास ज्योत प्रज्जवलित किए जाते हैं।

प्रशासन स्थिति स्पष्ट कर दे तो तैयारी करेंगे
आमतौर पर नवरात्रि से 2 माह पहले जोत के पंजीयन शुरू कर देते हैं, लेकिन इस बार परिस्थितियां ऐसी हो गई हैं कि पंजीयन के लिए आए भक्तों को लौटाना पड़ रहा है। इससे पहले बहुत से भक्त पंजीयन भी करवा चुके हैं। अब प्रशासन यदि स्थिति स्पष्ट करे तो उस हिसाब से हम आगे की तैयारी करें।’

गन्नू गुरु जी, सदस्य बर्फानी आश्रम

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