रावण पुतला दहन के लिए समितियों को गाइड लाइन का इंतजार
राजनांदगांव (दावा)। कोरोना संक्रमण ने सारे तीज त्योहारों पर तो रोक लगा दी पर इस बार बुराई के प्रतीक अहंकारी रावण भी नहीं जल पाएगा। क्योंकि अब तक प्रशासन ने केवल दुर्गोत्सव में मूर्ति स्थापना को लेकर ही गाइडलाइन बनाई है। जबकि दशहरा को लेकर कुछ भी निर्णय नहीं लिया गया है।
इधर शहर सहित जिले के बड़े दशहरा उत्सव समितियों द्वारा रावण बनाने वाले कलाकारों को अभी तक आर्डर नहीं दिए गए हैं। इस बार कोरोना के आगे अंहकारी रावण भी हारता नजर आ रहा है। समितियों का कहना है कि अगर प्रशासन दशहरा को लेकर गाइडलाइन बनाएगी उसके बाद ही वे पुतले का आर्डर दिया जाएगा।
शहर में छह जगहों पर होता है भव्य आयोजन
दशहरा का पर्व शहर सहित जिले भर में मनाया जाता है। गांवों में भी बुराई के प्रतिक रावण के बड़े-बड़े पुतले बनाकर जलाया जाता है। वहीं शहर में हर साल छह समितियों द्वारा दशहरा का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसमें शहर के कमला कॉलेज मैदान, स्टेट स्कूल मैदान, गौरीनगर, लेबर कालौनी, लखोली और म्यूनिस्पल स्कूल मैदान में हर साल दशहरा का बड़े स्तर में आयोजन किया जाता है। इन छह जगहों पर आयोजन के लिए लाखों रुपए खर्च कर सांस्कृतिक आयोजन के साथ-साथ रावण के पुतले का दहन किया जाता है। कोरोना के चलते शासन-प्रशासन से अब तक दशहरा को लेकर गाइड लाइन नहीं आने से इन समितियों द्वारा तैयारी शुरु नहीं की गई है।
ब्लाक मुख्यालयों व गांवों में भी आयोजन
इसके अलावा जिले भर के ब्लाक मुख्यालयों व हर गांवों में भी दशहरा का पर्व मनाया जाता है। मिली जानकारी के अनुसार शहर के अलावा खैरागढ़, गंडई, छुईखदान, डोंगरगांव, डोंगरगढ़, अंबागढ़ चौकी, मानपुर- मोहला सहित सोमनी, सुकुलदैहान, सुरगी, टेडेसरा, ठेलकाडीह सहित अधिकांश गांवों में भी दशहरा का पर्व मना कर कर आतिशबाजी के साथ रामलीला का आयोजनकर रावण के पुतले का दहन किया जाता है। इस साल कोरोना संक्रमण के चलते दशहरा का पर्व भी फीका रहने की संभावना है। फिलहाल दशहरा को लेकर शासन-प्रशासन के गाइड लाइन का इंतजार है।