राजनांदगांव से छुरिया-चिचोला तक 1 अक्टूबर से शुरु हुई है बसों का संचालन
राजनांदगांव (दावा)। कोरोना संक्रमण का खौफ ऐसा है कि महीनों से बंद पड़ी यात्री बसे सेवा शुरु होने के बाद भी लोग इसमें सफर करने से कतरा रहे है। 1 अक्टूबर से राजनांदगांव जिला मुख्यालय से चिचोला होते छुरिया तक 1 अक्टूबर से यात्री बस सेवा फिर शुरु हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार बसों में यात्री नहीं आ रहे है। इसके चलते बसों के डीजल खर्च भी नहीं निकल रहा है। संचालक नुकसान उठाकर बसों का संचालन कर रहे है। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाऊन के बीच मार्च के अंतिम पखवाड़े से बसों का संचालन बंद है। कोरोना से कुछ राहत मिलने के बाद शासन-प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद जिले में राजनांदगांव से छुरिया तक बसों का संचालन शुरु किया गया है।
दूसरे दिन भी उम्मीद से कम यात्री मिले
बताया जा रहा है कि पहले दिन 1 अक्टूबर को राजनांदगांव से छुरिया तक 7 बसों का संचालन हुआ। बसे पहले दिन 4-4 फेरे लगाए। इन बसों में गिने-चुने यात्री ही सफर किए। वहीं दूसरे दिन शुक्रवार को रुट में यात्रियों की संख्या पहले दिन की अपेक्षा कुछ अधिक रही। मिली जानकारी के अनुसार दो दिन के संचालन में बसों का डीजल खर्च के लायक भी कमाई नहीं हुई। वहीं शुक्रवार को राजनांदगांव से डोंगरगांव के बीच भी कुछ बसों का संचालन हुआ। इसमें भी यात्रियों की संख्या बहुत कम रही।
आने वाले समय में यात्री बढऩे की संभावना
जिले में कोरोना का ग्राफ हालांकि कम हुआ है, लेकिन लोगों में संक्रमण को लेकर खौफ जारी है। वहीं बसों के संचालन की अभी लोगों को जानकारी नहीं है। ऐसे में जानकारी के बाद यात्री आवाजाही के लिए बसों का सहारा लेंगे। आने वाले कुछ दिनों में बसों में यात्रियों के बढऩे की संभावना जताई जा रही है। वहीं बस संचालक भी यात्रियों के बढऩे की उम्मीद में संचालन कर रहे है।
बस चालक व परिचालकों की स्थिति खराब
बसों का संचालन लंबे समय से बंद रहने से मालिकों के अलावा चालक व परिचालकों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। बसें नहीं चलने से चालक -परिचालक बेरोजगार हो गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार कई चालक व परिचालक अपने परिवार का भरण-पोषण करने स्वंय का छोटे-मोटे व्यवसाय कर रहे है। इसमें भी इन लोगों का रोजी नहीं निकल रहा है। वहीं कई लोग तो बेरोजगार ही बैठे हैं।