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मुस्लिम समाज के द्वारा 13 जोड़ों का पार्रीनाला दरगाह में सामूहिक विवाह हुआ संपन्न

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महापौर देशमुख हुई सम्मिलित


राजनांदगांव(दावा)।
कोरोना काल के बीच रिश्ते तय होने के बाद भी मुफलिसी के चलते जब बेटियों की शादी नहीं हो पा रही थी, तब मुस्लिम समाज के द्वारा तेरह जोड़ों का सामूहिक विवाह संपन्न कराया गया।राजनंदगांव शहर की आला हजरत वेलफेयर सोसाइटी के द्वारा समाज की निर्धन परिवार की बेटियों की शादी कराई जाती हैं। विगत वर्ष 8 निर्धन परिवार की बेटियों की शादी कराई गई थी।

सामूहिक शादी का आयोजन समाज के द्वारा मार्च-अप्रैल महीने के आस-पास किया जाता है, लेकिन इस वर्ष हुए लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण काल के चलते सामूहिक विवाह का आयोजन नहीं किया गया था, लेकिन इस बीच कई बेटियों के रिश्ते भी तय हो गए थे और रुपयों के अभाव में उन बेटियों की शादी नहीं हो पा रही थी।

तब समाज के लोगों ने शादी को लेकर बनाए गए शासन-प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए 13 जोड़ों का इज्तेमाई निकाह करवाया है। समाज के द्वारा ऐसे परिवारों से संपर्क किया गया, जिनकी बेटियों के रिश्ते लगभग डेढ़ 2 साल से तय कर रखे गए थे लेकिन रूपयों के अभाव में रिश्ते तय होने के बाद भी शादी नहीं हो पा रही थी तब समाज के लोग आगे आए और इन बेटियों का निकाह करवाया।

वहीं इनके गृहस्थ जीवन के लिए जरूरत के सामान भी समाज के दानदाताओं की मदद से मुहैया करवाया गया। समाज के रईस अहमद शकील व अब्दुल कदिर मनिहार का कहना है कि रुपयों के अभाव में बेटियों की शादी नहीं हो पा रही थी इसी सोच और जरूरत को देखते हुए यह सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया है।

मुस्लिम समाज के द्वारा आयोजित इस इज्तेमाई निकाह में महापौर भी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देने पहुंची और यहां महापौर हेमा देशमुख ने अपनी ओर से आशीर्वाद स्वरुप बेटियों को भेंट भी दिया। महापौर हेमा देशमुख ने कहा कोरोना के चलते जब लोग आर्थिक परेशानी से जुझ रहे हैं तब समाज के लोग किसी का घर बसा रहे हैं। महापौर ने समाज के द्वारा किये जा रहे इस कार्य की सरहाना की है।


मुस्लिम परिवारों की इन बेटियों के रिश्ते तय चुके थे और दोनों परिवार शादी की तारीख आगे टालते भी रहे लेकिन कोरोना काल के बीच आर्थिक स्थिति बेहद बिगड़ जाने के चलते परिवार चंद लोगों के साथ भी शादी का खर्च उठाने भी सक्षम नहीं हो पाये तक समाज के लोग इन बेटियों का विवाह कराने सामने आए। जिससे परिवार के लोगों को काफी राहत मिली है।

मुस्लिम समाज के द्वारा आयोजित इस सामूहिक विवाह में शासन के गाइडलाइन का पालन करते हुए दूल्हा और दुल्हन पक्ष से चंद लोगों को ही बुलाया गया था और बिना-बाजे गाजे के सादगी पूर्ण वातावरण में निकाह संपन्न कराया गया। इस सामूहिक निकाह में राजनांदगांव जिले के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले परिवार की बेटियों की शादी संपन्न हुई है। सामूहिक विवाह के इस तरह के आयोजन से माता-पिता पर जहां आर्थिक बोझ कम होगा तो वहीं दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों पर भी रोक लगेगी।


इस कार्यक्रम के दौरान महापौर हेमा देशमुख के साथ पार्षद अमीन हुड्डा, पार्षद इशाक खान, हाजी रईस अहमद शकील, अब्दुल कादिर, हाजी अकरम भाई, सिराज सिज्वी, राशिद खान, हनीफ खान, अंसार जी,हाफिज वारसी, शोहेल शेख, शुभम लालवानी, कादिर सोलंकी आदि के साथ आला हजरत वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यगण उपस्थित थे।

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