विजयादशमी यानि दशहरे का पर्व देशभर में भाईचारे के साथ मनाया जाता है। इस दिन कुछ परंपराएं भी निभाई जाती है, जिनमें से एक है हनुमान जी को पान का बीड़ा चढ़ाना और उस पान को खाना…। खास तौर से तब, जब ये त्योहार मंगलवार
या रविवार के दिन आता है।
कारण – पान को प्रेम और जीत का प्रतीक माना गया है। साथ ही बीड़ा शब्द का भी अपना विशेष महत्व है, जिसे कर्तव्य के रूप में बुराई पर अच्छाई की जीत से जोड़कर देखा जाता है।
यही कारण है कि दशहरे पर रावण दहन के बाद पान का बीड़ा खाया जाता है। दशहरे के दिन पान खाकर लोग असत्य पर हुई सत्य की जीत की खुशी मनाते हैं। लेकिन इस बीड़े को रावण दहन से पूर्व हनुमान जी को चढ़ाया जाता है, जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके।
दशहरे पर पान खाने का एक कारण यह भी है कि इस समय मौसम में बदलाव होता है, जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में पान सेहत के लिए अच्छा होता है।
एक कारण यह भी है कि नवरात्रि में 9 दिन के उपवास करने पर पाचन क्रिया प्रभावित होती है। ऐसे में पान खाने से भोजन पचाने में आसानी होती है।