Home छत्तीसगढ़ नवोदय में चयनित छात्रा को 5 माह बाद बताया अपात्र!

नवोदय में चयनित छात्रा को 5 माह बाद बताया अपात्र!

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नवोदय चयन समिति की गलती की सजा छात्रा को

डोंगरगढ़(दावा)। नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा 2020-21 के लिए चयनित किए गए विद्यार्थियों में से ग्राम छपारा निवासी हरिचंद साहू की पुत्री पायल साहू का चयन भी हुआ था, किंतु स्थानीय प्रशासन की ओर से जुलाई में प्रवेश के समय त्रुटिपूर्ण चयन को लेकर नवोदय विद्यालय के हेड ऑफिस द्वारा जांच करने के नाम से विगत 5 माह से निर्णय की प्रतीक्षा पालक को कराई गई.

हेड ऑफिस द्वारा लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए प्राचार्य एस के सिन्हा ने बताया कि चयन समिति द्वारा चयन में त्रुटि की गई थी. छात्रा को शहरी क्षेत्र के आधार पर चयन करना था किंतु चयन समिति द्वारा छात्रा को ग्रामीण क्षेत्र के आधार पर चयन किया गया. इसमें पालक व छात्रा की ओर से किसी भी प्रकार के गलत दस्तावेज नहीं दिए गए हैं. ना ही कोई गलत जानकारी उनकी ओर से दी गई है. गलती चयन समिति की ओर से हुई है, जिसका हमें खेद है. किए गए चयन में गलती पाए जाने पर उच्च अधिकारियों द्वारा जांच उपरांत निर्णय लेकर छात्रा के चयन को निरस्त कर दिया गया है.

नवोदय चयन समिति के निर्णय पर घोर आपत्ति व्यक्त करते हुए पालक पायल साहू के पिता हरिचंद साहू ने चयन समिति के सदस्यों पर कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए छात्रा पायल साहू को नवोदय में प्रवेश दिलाने की मांग शासन-प्रशासन से की है. चूंकि नवोदय प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए पालक द्वारा विगत दो वर्षों से कठोर परिश्रम कर छात्रा को 15 किलोमीटर दूर नवोदय कोचिंग सेंटर मुसरा के संचालक दीनदयाल साहू से कोचिंग कराया जा रहा था, जिनके यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों में से अब तक 48 बच्चों का चयन नवोदय विद्यालय के लिए किया जा चुका है. इस वर्ष 13 बच्चों का प्रवेश नवोदय विद्यालय के लिए हुआ है. पायल के चयन होने की जानकारी के 5 माह पश्चात छात्रा को अपात्र करने के निर्णय से छात्रा पायल साहू व उनके परिजनों को मानसिक पीड़ा पहुंची है. उचित कार्रवाई नहीं करने की दिशा में पालक हरिचंद साहू ने कहा है कि वह जरूरत पडऩे पर न्यायालय की शरण में जाएंगे.


नवोदय विद्यालय डोंगरगढ़ के प्राचार्य डॉक्टर एस.के. सिन्हा ने बताया कि नवोदय विद्यालय समिति के मुख्य कार्यालय नोएडा से प्राप्त पत्र के अनुसार छात्रा को चयन में हुई त्रुटि के आधार पर अपात्र किया गया है. निर्णय लेने में देरी होने पर स्थानीय संस्था की ओर से दो मर्तबा हेड ऑफिस को पत्र लिखकर शीघ्र निर्णय लेने का निवेदन किया गया था.

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