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मनरेगा, श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में मील का पत्थर

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कोविड-19 के दौरान 5 लाख 98 हजार श्रमिकों को मिल रहा रोजगार
राजनांदगांव(दावा)।
श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मील का पत्थर साबित हुई है। कोविड-19 संक्रमण दौर में बड़ी संख्या में श्रमिकों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया गया। मनरेगा के तहत 2 लाख 72 हजार परिवार पंजीकृत है, जिनमें से 2 लाख 60 हजार सक्रिय परिवार है। 5 लाख 98 हजार श्रमिक वर्तमान में पंजीकृत है। जिनमें प्रतिदिन लगभग 61 हजार मजदूरों को कार्य मिल रहा है। वर्तमान में 2 हजार 67 कार्य चल रहे हैं जिनमें श्रमिकों को समय पर मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। इसके लिए 305 करोड़ रूपए का बजट स्वीकृत किया गया है और सभी मजदूरों को 100 दिवस का रोजगार प्रदान किया जा रहा है।

कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा के मार्गदर्शन में एवं जिला पंचायत सीईओ के निर्देशन में मनरेगा के तहत विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। जिले में 53 करोड़ 48 लाख 93 हजार रूपए की लागत से गौठान का निर्माण किया जा रहा है। जिनमें 346 गौठान का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। वहीं 140 चारागाह का निर्माण तथा 51 आवर्ती चराई के लिए भी राशि स्वीकृत की गई है। 11 मल्टीएक्टीविटी सेंटर का निर्माण किया जा चुका है और इस दिशा में कार्य तेजी पर है। जहां महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं अपनी आजीविका के लिए कार्य करेंगी और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगी।

अब तक गौठान में 4 हजार 627 वर्मी कम्पोस्ट टैंक का निर्माण किया जा चुका है, जिसमें वर्मी कम्पोस्ट निर्माण का कार्य आरंभ हो चुका है। बाड़ी विकास के लिए 10 लाख 38 हजार रूपए की राशि, सामुदायिक बाड़ी विकास के लिए 39 लाख 3 हजार रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। जिले में नरवा के लिए 89 नालों का चिन्हांकन कर कुल 19 करोड़ 49 लाख 68 हजार रूपए की लागत से नरवा निर्माण का कार्य किया जा रहा है। 468 धान संग्रहण चबूतरा 9 करोड़ 20 लाख रूपए की लागत से बनवाया गया है। नर्सरी के लिए पौधा तैयारी एवं वृक्षारोपण कार्य भी मनरेगा के तहत किया जा रहा है।

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