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मार्कफेड की लापरवाही से दर्जनों केन्द्रों में धान खरीदी बंद होने की नौबत

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जिले में अब तक 29 लाख क्विंटल खरीदी, उठाव सिर्फ ढ़ाई लाख क्विंटल
राजनांदगांव (दावा)।
जिले के धान खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था का आलम है। मार्कफेड द्वारा केन्द्रों से धान के उठाव में लापरवाही बरतने के कारण धान के उठाव में तेजी नहीं आ पा रही है, जिसका खामियाजा खरीदी केन्द्रों के प्रभारियों को भुगतना पड़ रहा है। जिले की सोयायटियों में रोजाना करीब दो लाख क्विंटल धान की खरीदी हो रही है, लेकिन उठाव नहीं के बराबर है। परिवहन नहीं होने से करीब दो दर्जन केन्द्रों में धान रखने जगह नहीं है। इसकी वजह से इन केन्द्रों में खरीदी बंद होने की नौबत आ गई है।

जानकारी के अनुसार जिले में अब तक 75537 किसानों द्वारा 29 लाख 52 हजार क्विंटल धान बेचा जा चुका है। इसमें से परिवहन सिर्फ ढाई लाख क्विंटल की ही हुआ है। यानि खरीदी केन्द्रों में 27 लाख क्विंटल धान जाम है। धान खरीदी शुरु हुए 22 दिन का समय बीत गया है। इन 22 दिनों में 29 लाख 52 हजार क्विंटल दान की खरीदी हो चुकी है। बावजूद इसके मार्कफेड द्वारा संग्रहण केन्द्रों में अब तक एक दाना धान नहीं पहुंचाया गया है। खरीदी केन्द्रों से ढाई लाख क्विंटल धान का उठाव हुआ है। यह उठाव मिलर्स द्वारा ही किया गया है, जबकि मार्कफेड खरीदी केन्द्रों से धान उठाव करने का दावा कर रहा है। लेकिन रिकार्ड में किसी भी संग्रहण केन्द्र में धान नहीं पहुंचा है।

मार्कफेड की अनदेखी से हर साल परेशानी
समर्थन मूल्य में धान खरीदी के लिए सहकारी सोसायटियों में एक माह पहले ही तैयारी की जाती है, लेकिन परिवहन करने मार्कफेड द्वारा हर साल अनदेखी की जाती है। मार्कफेड द्वारा धान परिवहन के लिए कोई तैयारी नहीं की जाती। इसकी वजह से हर साल खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव काफी विलंब से होता है और केन्द्रों में धान जाम होने से खरीदी प्रभावित होती है। मार्कफेड की लापरवाही से समिति प्रबंधकों को हर साल दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

बारदाना खत्म, प्लास्टिक बोरी से होगी खरीदी
जानकारी के अनुसार जिले के खरीदी केन्द्रों में बारदाने की कमी है। बताया जा रहा है कि जूट के बारदाने खत्म होने के कगार पर है। इन केन्द्रों में प्लास्टिक के बोरे से खरीदी करने की तैयारी है। मार्कफेड से मिली जानकारी के अनुसार जिले में गुजरात से 720 गठान प्लास्टिक बोरी की सप्लाई हो चुकी है। बोरियों को खरीदी केन्द्रों में पहुंचाया जा रहा है। खरीदी के लिए अभी और एक हजार गठान बोरी की जरुरत पड़ेगी।

मिलर्स द्वारा धान का उठाव किया जा रहा है। मंगलवार से संग्रहण केन्द्रों में भी धान का परिवहन शुरु हो गया है। बुधवार से गाडिय़ों की संख्या बढ़ाकर परिवहन में तेजी लाएंगे। बारदाने की कमी होने से गुजरात के नडिय़ाद से प्लास्टिक की बोरियां मंगाई गई हैं।
– सौरभ भारद्वाज, डीएमएओ

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