Home समाचार खरीदी केन्द्रों में धान तौलाई की आड़ में कांटामारी

खरीदी केन्द्रों में धान तौलाई की आड़ में कांटामारी

45
0

घुमका-पटेवा के बाद मानपुर में मिली गड़बड़ी
राजनांदगांव(दावा)।
जिले के समर्थन मूल्य में धान खरीदी केन्द्रों से अन्न दाताओं के साछ छलावा होने की लगातार शिकायत सामने आ रही है। खरीदी केन्द्रों में किसानों धान तौलाई में डंडी मारी की जा रही है। किसानों से प्रति कट्टे में डेढ़ से दो किलो अधिक धान की तौलाई कर नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले घुमका खरीदी केन्द्र में रुपए के लेन-देन में एक किसान की हार्ट अटैक से मौत होने का मामला सामने आया ता. इस दौरान भाजपा द्वारा क्षेत्र के कुछ केन्द्रों में तौलाई का जायजा लिया गया था। इस दौरान घुमका खरीदी केन्द्र में किसानों के धान में प्रति कट्ट दो किलो अधिक धान तौलाने का खुलासा हुआ था। अब मानपुर और गैंदाटोला खरीदी केन्द्र में तहसीलदार द्वारा इसी तरह की गड़बड़ी पकड़ा गया है।

40 की जगह, 41-42 किलो की तौलाई
समर्थन मूल्य में किसानों से प्रति कट्टा 40 किलो धान लेना है, लेनिक तौलाई की जांच के दौरान परति कट्टा 41 से 42 किलो वजन सामने आ रहा है। यानि किसानों से प्रति कट्टे में डेढ़ से 2 किलो अधिक धान तौलाई कर नुकसान पहुंचाया जा रहा है। खरीदी केन्द्रों में तौैलाई पर निगरानी की जिम्मेदारी शाखा प्रबंधकों और सहकारी सममिति के पदाधिकारियों की है। बताया जा रहा है कि इन जिम्मेदारों की सहमति से ही किसानों के धान तौलाई में डंडीमारी हो रही है और प्रति कट्टे में डेढ़ से दो किलो अधिक धान की तौलाई हो रही है।

दूसरी जगह पर किया जा रहा भंडारण
खरीदी केन्द्रों में किसानों से प्रति कट्टा 40 किलो धान की खरीदी की जानी है। मिली जानकारी के अनुसार समिति प्रबंधकों व कुछ जिम्मेदार पदाधिकारियों द्वारा मिली भगत कर प्रति कट्टे में डेढ़ से 2 किलो अधिक धान की तौलाई कर दूसरी जगह भंडारित किया जा रहा है। जिले में औसतन रोजना करीब 2 लाख क्विंटल धान की खरीदी हो रही है। इस तरह प्रति कट्टे में डेढ़ से 2 किलो अधिक धान की तौलाई कर किसानों को रोजना सैंकड़ों क्विंटल धान की चपत लगाई जा रही है। समर्थन मूल्य के धान खरीदी केन्द्रों में इस तरह से किसानों के साथ छल हो रहा है।

विरोध करने पर डराया-धमकाया जा रहा
इस तरह भोलेभाले गरीब किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है और जब इस कांटे मारी के लिए कोई किसान आवाज उठाता है तो उसे डरा धमकाकर चुप करा दिया जाता है। समिति प्रबंधकों की मनमानी के चलते किसान आवाज उठाने के लिए डरते है। जबकि इसका ताजा उदाहरण घुमका और मानपुर व गैंदाटोला खरीदी केन्द्रो से सामने आई है। बावजूद इसके शासन-प्रशासन द्वारा इस पर रोक लगाने गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।

मार्कफेड द्वारा शुरु किया गया परिवहन
जिले में अब तक 80 हजार 462 किसानों द्वारा 31 लाख 41 हजार 171 क्विंटल धान की बिक्री की जा चुकी है। इसमें 3 लाख 57 हजार क्विंटल ही धान का उठाव हुआ है। पहले मिलर्स द्वारा ही धान का उठाव किया जा रहा था। मार्कफेड द्वारा धान का परिवहन करने गंभीरता नहीं दिखाई जा रही थी। उठाव नहीं होने से खरीदी केन्द्रों में धान जाम हो गया है और खरीदी बंद होने की स्थिति में है। दैनिक दावा ने बुधवार को इस समस्या को प्रमुखता के साथ प्रकाशित कर शासन-प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया था। इस खबर के बाद बुधवार से मार्कफेड द्वारा केन्द्रों से धान का परिवहन शुरु किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को मार्कफेड द्वारा करीब 100 वाहनों से धान का परिवहन शुरु कर संग्रहण केन्द्रों में पहुंचाने की कवायद शुरु की गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here