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तिलईभाट में बाघ की दस्तक, जान बचाकर भागा ग्रामीण

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पदचिन्ह के आधार पर वन विभाग बाघ को ट्रेस करने में जुटी, क्षेत्र के गांवों में कराई गई है मुनादी
राजनांदगांव (दावा)।
खैरागढ़ वनमंडल अंतर्गत ठेलकाडीह से लगे ग्राम तिलईभाठ के बम्हनी खार में बाघ के दस्तक की जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि खेत में काम कर रहे एक किसान ने बाघ विचरण करते देखा और वहां से भाग कर अपनी जान बचाई है। गांव में बाघ की दस्तक से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। जानकारी के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बाघ के मिले पद चिन्ह के आधार पर उसे ट्रेस करने में जुटी है।

बताया जा रहा है कि शनिवार की सुबह करीब 6 बजे ग्रामीण अपने गेहू खेत में पानी डाल रहा था। इसी दौरान उक्त ग्रामीण ने बाघ देखने की बात कही। ग्रामीण द्वारा गांव के अन्य लोगों को इसकी सूचना दी गई। जिसके बाद करीब 5 से 6 लोगों ने भी बाघ देखने की बात कह रहे है। इधर फॉरेस्ट विभाग मौके पर पहुंचकर टीम ने वहां पर गश्त कर बाघ के पदचिन्ह टे्रस किए है। ग्रामीणों को सतर्क रहने कहा गया है। गांव के आसपास वन्यजीव की आमाद से ग्रामीणों में दहशत बना हुआ है।

अरहर लगे खेत में आधे घंटे तक छुपा रहा
तिलईभाठ के ग्रामीण घनश्याम, नरसिंह, सुकालू, महेंद्र, भुनेश्वर ने बताया कि जैसे ही बाघ को अरहर के खेत में छुपे देखे तो उन्होने आनन-फानन में पेड़ पर चढ़े करीब आधे घंटे तक अरहर की खेत में छुपे रहे। दो से तीन बार जमकर दहाड़े मारने के बाद लोगों की आवाज सुनकर वह आगे निकल गया। खेतों में इन दिनों चना व गेंहू की बुआई के चलते पानी डालने का कार्य चल रहा है। जिससे खेत गीला होने की वजह से बाघ के पदचिन्ह आसानी से दिखने लगा। बहरहाल विभाग सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को सतर्क रहने कहा है। गांव के नरसिंग ने बताया कि ग्रामीणों को विश्वास ही नहीं था कि बाघ होगें। लेकिन करीब 10 से 12 लोग उसे अरहर के खेत में बैठे देखा तो सभी सन्न हो गए। एक पल में तो उन लोगों को समझ ही नहीं आया कि क्या करे। गमीमत रही की ग्रामीणों पर बाघ ने हमला नहीं किया।

आसपास गांव में कराई गई मुनादी
खतरा को देखते हुए वन विभाग के अधिकारियों ने आसपास के गांव नवागांव, सिंगारपुर, विचारपुर, मुढीपार, कोपेनवागांव, परसाही, सनडोंगरी, करेला, भंडारपुर सहित इस क्षेत्र से सटे हुए गांवो में कोटवार के माध्यम से मुनादी कराई गई है। ताकि इस बाघ के पदचिन्ह वाले क्षेंत्र में न जाएं। इधर ग्रामीण भी दहशत में है। फिलहाल विभाग बाघ के पदचिन्ह मानकर उसे खोजने में लगे है। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेंत्र में सुअरों की चहलकदमी रहती है और खेतों में अक्सर देखा जाता है। सुअरों से खेतों में लगी फसलों को काफी नुकसान हो रहा है। इससे अंदाजा भी लगाया जा रहा है कि जंगली सुअरों की तलाश में बाघ पहुंचा होगा। जबकि गांव से करीब 20-22 किमी भवानी जंगल की दूरी है।

ज्ञात हो कि पिछले साल इसी माह में ही मनगटा वनचेतना केंद्र के आसपास बाघ देखे गए थे। और इस साल क्षेत्र के तिलईभाठ में बाघ के पदचिन्ह मिले हंै। हालाकि विभाग पदचिन्ह के आधार पर वन्यप्राणी की खोज में जुटा हुआ है।

वर्सन-
ग्रामीणों ने तिलईभाठ खार में शेर देखा है और विभाग के द्वारा उसके पंजों के निशान से इस बात की पुष्टि की गई है कि देखा गया जानवर शेर ही है. वन विभाग शेर की मौजूदगी को लेकर मुस्तैद है और टीम शेर की लोकेशन लेने काम कर रही है. बहरहाल गोपालपुर खार की तरफ शेर के जाने की जानकारी मिल रही है.
– एएल खूंटे, एसडीओ फॉरेस्ट खैरागढ़

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