राजनांदगांव (दावा)। जिला राजनांदगांव के ग्राम पंचायत सचिव संघ 9 विकासखण्डों मे प्रांतीय आव्हान पर त्रिचरणीय आन्दोलन और रैली पश्चात आज दिनांक 26 दिसम्बर से शासकीयकरण की मांग को लेकर अपने अपने जनपद मुख्यालयों में काम कलम बंद कर अनिश्च्तिकालीन हड़ताल पर बैठे हुए है। पंचायत सचिव विगत कई महिनों से सरकार का ध्यानाकर्षण की कोशिश कई तरीकों से कर रहे थे। लेकिन सरकार के सर पर जू तक नहीं रेंगी। इस वजह से विवश होकर हमें पंचायतों का काम बंद कर हड़ताल करना पड़ रहा है।
जिले के सभी 9 ब्लॉक के पंचायत सचिव अपने ब्लॉक अध्यक्ष के नेतृत्व व जिलाअध्यक्ष के मार्गदर्शन में काम बंद कलम बंद हड़ताल में बैठे हैं । सचिवों ने संकल्प लिया है कि जब तक शासन उनकी बात नहीं मानती तब तक वे पंचायतों का काम बंद कर कोई भी जानकारी शासन तक नहीं भेजी जायेगी। हमारी एक सूत्रीय मांग केवल शासकीयकरण है। हम पंचायत सचिव के अलावा अन्य 29 विभागों के 200 प्रकार के भी ज्यादा कार्यो को सम्पादित करतेे हैं। साथ ही राज्य व केन्द्र के सभी महत्वकांक्षी एवं महत्वपूर्ण योजनाओं को धरातल पर साकार करते हैं। जिसके बदौलत सरकार वोट कमाते हैं। लेकिन हमें ही वर्षो से अनदेखा किया जा रहा है। कोरोना संकटकाल में भी जब अन्य कर्मचारी घरों में बैठे थे तब हमने पूरी ईमानदारी से कार्यो को सम्पादित और प्रबंधन किया । गांव में क्वारंटाइन सेंटर में अपनी जान कि परवाह न करते हुए तथा कई जगहों पर अराजक तत्वों के द्वारा पीटा तक गया । इसके बावजूद हमने काम किया ।
इस दौरान हमारे 25 से अधिक साथी दिवंगत हुए है । लेकिन उनके परिवार जनों को बीमा तक का लाभ नहीं दिया गया। हमें अनुग्रह राशी केवल 25 हजार दिया जाता है जबकि अन्य विभाग के कर्मचारियों को 50 हजार। वही हमें कोई यात्रा भत्ता या अन्य कोई सुविधा या भत्ता नहीं दिया जाता । जबकि आए दिन जिला या जनपद मुख्यालय में कई तरह के कामों के लिए खुद कि खर्च से आना जाना पड़ता है । सरकार ने चुनाव से पहले कई वादे किये थे उनमें सचिवों का शासकीयकरण करने कि बात कही गई थी। लेकिन सरकार अपनी आदतवश यह वादा भी भूल गयी। शासन के पास बेमतलब के कामों के लिये पैसा है किन्तु सचिवों के लिए नहीं है। वही सरकार रोज विज्ञापनों के माध्यम से करोड़ो खर्च कर जनता का पैसा उड़ा रही है। और तो और अपने नेताओं को खुश करने ऊंचे पदो पर बैठा रही है। कोरोना काल के फं्रटलाईन वर्कर में पंचायत सचिव भी रहे है। लेकिन हमें अपने हाल पर छोड़ दिया गया। सरकार का रवैया हमारे प्रति सदा से ही उदासीन और उपेक्षापूर्ण रहा है। अगर हमारी बातें नहीं मानी गई तो हड़ताल उग्र रूप से अनिश्चितकाल तक चलती रहेगी। उक्त जानकारी पंचायत सचिव संघ जिला राजनांदगाँव के महेन्द्र कुमार साहू ने दी।