Home समाचार छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग के हिटलर आदेश से हजारों युवाओं की नौकरी...

छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग के हिटलर आदेश से हजारों युवाओं की नौकरी पर मंडरा रहा है खतरा

83
0
image description

राजनांदगांव(दावा)। छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा आयोग ने हेमचंद यादव/दुर्ग यूनिवर्सिटी को आदेश दिया है जिसमे लिखा है कि जिन विद्यार्थियों ने ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन छत्तीसगढ़ से बाहर स्थित यूनिवर्सिटी से किया है उन्हें छत्तीसगढ़ में आगे की पढ़ाई करने के लिए पात्रता प्रमाण पत्र नहीं दिया जाए। जिस आदेश से असंतुष्ट होकर राजनांदगांव निवासी महेश कुमार शर्मा ने दुर्ग यूनिवर्सिटी के कुलपति को पत्र लिखा कि मैं पंडित माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से बीसीए किया हूं और एलआईबी आपके विश्वविद्यालय से करना चाहता हूं जिसके लिए नियमानुसार आपको मेरा पात्रता प्रमाण पत्र जारी करना होगा। क्योंकि सन 2014 में मुझे रविशंकर विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त करने के लिए पात्रता प्रमाण पत्र जारी किया है तो आपके भी मेरा पात्रता प्रमाण पत्र जारी करना होगा। यही नहीं बल्कि महेश कुमार शर्मा ने यूजीसी और भारत सरकार के नियमो की भी कॉपी भेजी है जिसमें लिखा है माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय की मान्यता पूरे भारत में है।

दुर्ग विश्वविद्यालय ने महेश शर्मा को मेल के माध्यम से पत्र भेजा है जिसमें कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त को दिनांक 05/12/2020 को हमने पत्र लिखा है जिसका जवाब आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुआ है जिसके कारण हम पात्रता प्रमाण पत्र जारी नही कर पा रहे है।

उच्च शिक्षा विभाग की लापरवाही से युवाओं का भविष्य अधर में लटका
उच्च शिक्षा विभाग पिछले दुर्ग विश्वविद्यालय को पिछले 23 दिनों से पत्र का जवाब नहीं दिया है जिसके कारण छत्तीसगढ़ के युवाओं का भविष्य अंधड़ में लड़का हुआ है जिससे वे आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रहे। उच्च शिक्षा विभाग के इस आदेश से हजारों कर्मचारियों को अपनी सरकारी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।

इस आदेश को हाईकोर्ट में करेंगे चैलेंज-महेश कुमार शर्मा
उच्च शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि बाहर की यूनिवर्सिटी की छत्तीसगढ़ में मान्यता नहीं है तो प्रश्न ये उठता है कि पिछले 19 सालों में जितने भी लोग बाहर के विश्वविद्यालय से पढ़कर छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी लगे हैं वह किस हक से छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी कर रहे हैं क्योंकि सरकार के आदेश के अनुसार छत्तीसगढ़ के बाहर के विश्वविद्यालय की छत्तीसगढ़ में मान्यता ही नहीं है यदि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी यह आदेश वापस नहीं लिया गया तो जल्द ही छत्तीसगढ़ के हजारों सरकारी कर्मचारियों को अपनी सरकारी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here