नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। डायबिटीज एक ऐसी तमाम उम्र साथ रहने वाली बीमारी है जो बॉडी में कई तरह की बीमारियों को जन्म देती है। इस बीमारी को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता, सिर्फ इसपर कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज किडनी, आंखों और दिल पर प्रभाव डालती है। कई बार लोगों को पता भी नहीं चलता कि उन्हें शुगर हो गई है और वो लापरवाही में छोटी-छोटी बीमारियों को झेलते रहते हैं। लेकिन आप जानते हैं कि बॉडी में शुगर के स्तर के बढ़ने का पता पहले से भी लगाया जा सकता है। यदि रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक है लेकिन डायबिटीज की सीमा तक नहीं पहुंचा है, तो इसे “प्री-डायबिटीज” कहा जाता है।
बॉडी में शुगर की मात्रा बढ़ने पर स्किन पर उसके संकेत साफ दिखने लगते हैं सिर्फ उन्हें पहचानने की देर है। आइए जानते हैं कि शुगर बढ़ने से स्किन और बॉडी में कौन-कौन से लक्षण दिखाई देते हैं।
यूरीन का बार-बार आना:
अगर आपके शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ गया है तो आपको बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है। साथ ही डिहाइड्रेशन और ड्राई स्किन की भी समस्या हो जाती है। स्किन पर होने वाले ये बदलाव इंसुलिन का स्तर बढ़ने का संकेत देते हैं। इस कंडीशन को प्री-डायबिटीज कहते हैं। अगर आप सही समय पर इन लक्षणों को पहचान जाते हैं तो आप डायबिटिक होने से बच सकते हैं।
त्वचा में डार्क पैच होना:
अगर आपकी गर्दन पर, अंडरआर्म्स में या शरीर के किसी दूसरे हिस्से में स्किन का रंग डार्क पैच की तरह नजर आए तो यह प्री-डायबिटीज का संकेत है। त्वचा में यह बदलाव डायबिटीज का संकेत हो सकता है।
स्किन पर लाल, पीले या भूरे धब्बे होना:
अगर आपके स्किन में बहुत ज्यादा खुजली हो रही है, दर्द हो रहा है और त्वचा पर उभरे हुए पिंपल्स नजर आ रहे हैं जो समय के साथ पीले, लाल या भूरे रंग के धब्बे जैसे बन जाते हैं तो यह भी प्री-डायबिटीज का संकेत है। ऐसा होने पर डायबिटीज की जांच करवाएं क्योंकि ये डायबिटीज का संकेत हो सकता है।
स्किन टैग्स है हाई ब्लड शुगर के संकेत:
स्किन पर त्वचा के रंग के ग्रोथ उभर कर स्किन से चिपकर लटके रहते हैं इन्हें स्किन टैग्स कहते हैं। स्किन टैग्स की ये समस्या भी हाई ब्लड शुगर लेवल का संकेत है। ये स्किन टैग्स आंखों की पलकों पर, अंडरआर्म्स में या गर्दन पर हो सकते हैं।
घाव का जल्दी ठीक नहीं होना:
किसी इंसान के शरीर में ब्लड शुगर का लंबे समय तक बने रहने से नसों को नुकसान पहुंचता है और ब्लड सर्कुलेशन में भी दिक्कत आती है। नर्व डैमेज की वजह से शरीर के लिए स्किन पर हुए किसी घाव को ठीक करना संभव नहीं हो पाता।