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इम्युनिटी की दुश्मन है ओबेसिटी

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शरीर में रोगों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक प्रणाली होती है जो किसी संक्रमण के खिलाफ जमकर मुकाबला करती है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता मोटापे के कारण कमजोर पड़ जाती है। इसलिए कोरोनाकाल में रोगों के खिलाफ जंग में पहला दुश्मन है मोटापा।

हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक प्रणाली स्लीन (तिल्ली), बोनमारो (अस्थिमज्जा), टॉंसिल्स, और लिंफनोड्स के माध्यम से काम करती है। यह प्रणाली मिलकर लिंफोसाइट्स (श्वेत रक्त कण) का निर्माण करते हैं।

डब्ल्यूबीसी में ‘ब’ और ‘टी’ सेल्स होते हैं जो एंटीजेन्स, बैक्टेरिया, वायरसों और कैंसर सेल्स से जंग लड़ते हैं। जब ये सेल्स एंटीजेन्स को रोकने में सफल नहीं हो पाते हैं तब इंसान को जुकाम, सायनस, असाध्य संक्रमणों, डस्ट एलर्जी, डायरिया और निमोनिया जैसे रोग जकड़ लेते हैं।

इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है भरपूर नींद
नींद की कमी इम्यून सिस्टम को मजबूत नहीं होने देती। किसी भी सामान्य वयस्क को ८ से ९ घंटे की भरपूर नींद मिलना चाहिए। इसी तरह पौष्टिक आहार की कमी और आरामतलब जीवनशैली लगातार मोटापे की ओर ढकेलती रहती है।

इसी के साथ यदि तनाव की अधिकता जुड़ जाए तो हारमोन्स का असंतुलन शरीर में कई बीमारियों को जन्म देने लगता है। मोटापा, हारमोन्स की अधिकता के साथ धूम्रपान तथा शराब जैसी आदतें लंबे समय से जुड़ी हों तो लिंफोसाइट्स मरने लगते हैं।

किन ‘गलतियों’ से पीछा छुड़ाएं
आरामतलब जीवनशैली में परिवर्तन करे। तनाव को शिथिल करने के लिए योगाभ्यास अथवा ध्यानयोग का सहारा लें। मोटापे से छुटकारा पाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है पौष्टिक आहार करना। पौष्टिक आहार में विटामिन्स और महत्वपूर्ण खनिज प्राप्त होते हैं जो इम्यून सिस्टम को सही तरह से काम करने में मदद करते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल एवं ड्रायफ्रूट्स को नियमित आहार में शामिल करें। धूम्रपान एवं शराब छोड़ दें।

क्या करें बदलाव
१. भरपूर नींद लेने के लिए १० बजे बेडरूम में चले जाएं।
२. डिनर टाइम को सोने से तीन घंटे पहले के लिए एडजस्ट करें।
३. रोज सुबह कम से कम ४५ मिनट पैदल चलें। इतना की पसीना निकलने लगे।
४. तनाव मुक्ति के लिए ध्यान योगाभ्यास का सहारा लें।

विरासत में भी मिलता है मोटापा
जिन लोगों के परिवार में रोग प्रतिरोधक प्रणाली के कमजोर होने की हिस्ट्री हो वे किसी भी रोग की चपेट में आने के लिए अधिक जोखिम पर होते हैं। इसी के साथ बढ़ती उम्र भी इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देती है। आहार में पौष्टिक तत्वों की कमी इम्यूनोडेफिशिएंसी डिस्ऑर्डर्स की ओर धकेलने लगती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सोने के बाद ही शरीर नींद के दौरान प्रोटीन का उत्पादन शुरू करता है ताकि संभावित संक्रमण से मुकाबला किया जा सके।

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