छात्रावास में गद्दे,चादर व तकिये नहीं इसलिए छात्रावास शुुरू नहीं हुआ
अंबागढ़ चौकी (दावा)। स्कूल शिक्षा विभाग ने 9 वीं से 12 वीं तक के विद्यार्थियों के लिए 15 फरवरी से स्कुल प्रारंभ कर दिया है। महिने भर बाद हाईस्कूल व हायर सेकेंण्डरी की परीक्षाएं भी शुरू हो जाएगी। पर शिक्षा विभाग की संभागीय व आवासीय संस्था कन्या शिक्षा परिसर के हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी की सौ छात्राए स्कुल खुलने के बाद भी अध्ययन अध्यापन से वंचित हो गई है। बताया जाता है की यहां की छात्राएं आवासीय संस्था का छात्रावास शुरू नहीं होने के कारण पढ़ाई से वंचित हो गई है। और छात्रावास इसलिए प्रारंभ नहीं हुआ है की आदिमजाति व अनुसूचित जाति विकास विभाग ने दो सौ सीटर छात्रावास में गद्दे, बेडसीट व तकिया की व्यवस्था नही कराई है। महिने भर से छात्राएं स्कूल में पढ़ाई व छात्रावास में रहने के लिए गददे व बेडसीट का इतंजार कर रही है। लेकिन उनकी प्रतिक्षा अब तक खत्म नहीं हुई है और इधर छात्राओं के पालक अपने बच्चों के भविश्य को लेकर सकते में है।
अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से संचालित ब्लाक मुख्यालय की विशेष व संभागीय संस्था शासकीय कन्या षिक्षा परिसर में अनुसुचित जनजाति वर्ग के मेघावी छत्राओं को प्रवेश दिया जाता है। इस आवासीय संस्था में 6 वी से 12 तक की छात्राए अध्यन करती है।
15 फरवरी से छग शासन ने राज्य में हाईस्कुल व हायर सेंकेंण्डरी के लिए स्कुले खोल दी है। लेकिन इस आवासीय विद्यालय की सौ से अधिक छात्राएं स्कूल जाने व पढ़ाई से वंचित हो गई है। क्योकि इस आवासीय विद्यालय में छात्रावास का संचालन आदिम जाति व अनुसुचित जाति विकास विभाग द्वारा किया जाता है और विभाग द्वारा छात्रावास में बच्चों के ठहरने के लिए गददे, बेडषीट व तकिया उपलब्ध नही कराया गया है। जिससे छात्रावास शुरू नही हो पाया है। इससे छात्राए न तो स्कुल जा पा रही है और न ही पढाई कर पा रही हे। एैसीे स्थिति में हाईस्कुल व हायर सेंकेंण्डरी के बच्चो का भविश्य क्या होगा इसे लेकर छात्राएं ही नहीं उनके अभिभावक भी खासे परेशान है। और इधर स्कूल शिक्षा विभाग व आदिम जाति कल्याण विभाग की लापरवाही से सैकडो छात्राओं के स्कूल जाने से वंचित होने का मामला सियासी तूल पकडने लगा है। छात्र संगठन भी इस मामले को लेकर उद्वेलित होने लगे है। छात्राओ के पालक रामसिंह ठाकुर, बलराम मंडावी, सुनीता कंवर, बिषेशर तारम, पन्नालाल कुंजाम ने बताया की छात्रावास प्रारंभ नही होने से उनके बच्चे स्कूल नही जा पा रहे है उनका भविश्य अंधकारमय हो गया है। पालकों ने बताया की उनकी स्थिती एैसी नही है वे अपने बच्चों को प्रतिदिन घर से स्कूल पहुचा पाए।
छात्रावास शुरू नही होने से 100 छात्राएं कर रही घर से अपडाउन
दुर्ग संभाग की आवासीय व विषेश संस्था कन्या शिक्षा परिसर में छात्रावास के प्रारंभ नही होने से दूरदराज स्थान में रहने वाली विद्यालय की सौ से अधिक छात्राए जंहा पढाई व स्कूल से वंचित हो गई है वही ब्लाक मुख्यालय अंबागढ चौकी के नजदीक व आस पास रहने वाली छात्राए अपने अपने घरो से अपडाउन कर रही है। आष्चर्य है की आवासीय संस्था में छात्रावास के प्रवेषी बच्चो को छात्रावास होने के बाद भी आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी कर्मचारियो की लापरवाही व उदासिनता से पढाई के लिए प्रतिदिन पैसे खर्च कर अपने अपने घरो से अपडाउन करना पड रहा है। और इधर प्रशासन के अफसर मूकदर्शक बन तमाषबीन बने हुए है। श्रीमती चित्रलेखा मेश्राम छात्रावास अधिक्षिका- 200 सीटर वाला छात्रावास क्रमांक 1 कोविड सेटर होने के कारण यंहा के गददे, चादर को डिस्पोज कर दिया गया है। छात्रावास में अभी पोताई व साफ सफाई का काम जारी है। छात्रावास में गददे नही पहुचे है इसलिए छात्रावास शुरू नही हुआ है। 50 सीटर वाली छात्रावास क्रमांक 2 में बच्चे निवास कर रहे है।
छात्रावास को क्वारंटाइन सेंटर बनाना छात्राओं के लिए पडा भारी
200 सीटर वाली शासकीय कन्या षिक्षा परिसर छात्रावास को ब्लाक मुख्यालय में प्रषासन ने क्वारंटाइन सेंटर बनाया था। वर्श 2020 में छै: महिने इस छात्रावास में ब्लाक के कोरोना संक्रमित मरीजो को 14-14 दिनो के लिए क्वारंटाइन किया गया था। जनवरी महिने से छात्रावास का क्वारंटाइन सेंटर हटा दिया गया है। बीते ढाई माह से छात्रावास खाली व बंद पडा हुआ है। क्वारंटाइन सेंटर होने के कारण इस छात्रावास में रहने वाली छात्राओं को संक्रमण से बचाने के लिए संक्रमित मरीजों द्वारा उपयोग किए गए गददे, बेड षीट व तकिया को हटाया जाना आवष्यक है। कन्या षिक्षा परिसर के प्राचार्य ने छात्राओ के स्वास्थ्य से जुडे इस मामले में प्रशासन का ध्यानाकर्शण कराया था। लेकिन अब तक छात्रावास में बच्चो के लिए नए गददे, तकिए व चादर पहुच नही पाए है। जिससे बच्चे न तो छात्रावास पहुच पा रहे है और न ही स्कूल खुलने के बाद भी स्कूल जा पा रहे है