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होली के उमंग पर कोरोना का असर, कारोबार प्रभावित

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राजनांदगांव(दावा)। होली के बाजार में इस बार दो बड़े बदलाव नजर आ रहे हैं। पहला, चीनी पिचकारियां, मुखौटे और दूसरे आइटम इस बार बाजार से गायब हो गए, क्योंकि किसी व्यापारी ने मंगवाए ही नहीं हैं। वहीं शहर के बाजार में होली के सामान का बाजार पखवाड़ा भर पहले सजने लगता था, वहां त्योहार से एक हफ्ता पहले तक अस्थायी दुकानें नहीं खुल पाई हैं।
कारोबारियों के मुताबिक केवल शहर में ही होली वाले दो हफ्ते में लाखों रुपए तक का रंग-गुलाल बिकता था, लेकिन इस बार जिले के अन्य जगहों से भी मांग आधी नहीं रह गई है। व्यापारियों का कहना है कि सामान्य समय में होली का कारोबार आज तक की स्थिति में लाखों का होता था, लेकिन इस साल इसकी संभावा कम है।
आवक व बिक्री 60 प्रतिशत तक गिर गई
शहर में होली के बाजार से बाजार से चाइनीज पिचकारिया और फैंसी आइटम गायब हैं। इस बार पिचकारी की आवक और बिक्री 60 फीसदी तक गिर गई है। पिचकारी के साथ ही रंग-गुलाल की बिक्री भी आधी हो गई है। होली के पूरे कारोबार में हर साल औसतन 2 से 3 करोड़ के सामान चाइनीज आइटम होते थे। 2020 में यह कारोबार घटकर 3 करोड़ से घट कर डेढ़ करोड़ में आ गया है। पिछले साल कारोबारियों ने पुराना स्टॉक भी खपाया था, लेकिन इस बार किसी भी कारोबारी के पास चाइना का स्टॉक नहीं है। यही वजह है कि चाइना से मंगाए जाने वाले लाखों के प्रोडक्ट की बिक्री भी इस साल नहीं होगी।
रंग-गुलाल की मांग हो गई आधी
प्रदेश सहित जिले में कलर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता समेत अन्य जगहों से आता है। इस बार ऑर्डर नहीं हैं, इसलिए कारोबारियों ने ऑर्डर कैंसिल कर दिए हैं। वहीं सहर सहित जिले मेंं पिचकारियां और होली टॉयज चीन से आते थे, लेकिन इस बार यह नहीं हैं। बच्चों के कार्टून वाली सुपरमैन पिचकारियां, बाहुबली टैंक, स्टड गन, लाइट पिचकारी, वाटर गन, गुलाल बम, कलर बम और वॉटर बैलून भी गायब हैं। चाइनीज आइटम में खुशबू व झाग वाला स्प्रे रंग भी इस बार बाजार में नहीं आया है।
कीमतें दोगुनी होन का भी असर
होली की पिचकारियों के थोक कारोबारी कुलेश्वर देशमुख ने बताया कि पिचकारियों की बिक्री आधी है। किसी कारोबारी ने चाइना आइटम की खरीदी का आर्डर नहीं दिया। दिल्ली-मुंबई के फैक्ट्रियों में बनी पिचकारी ही आई हैं। चीनी प्रोडक्ट के नहीं आने की वजह से पिचकारियों की कीमत बढ़ गई है। चीनी पिचकारियां 50 से 150 रुपए में मिल जाती थी, लेकिन स्वदेशी पिचकारियां महंगी हैं। गोलबाजार व्यापारी प्रमोद जैन ने बताया कि होली के लिए नया स्टॉक जनवरी में आ जाता था। कारोबारी होली के कुछ महीने पहले ही पिचकारी, मुखौटे व अन्य आइटम की बुकिंग एडवांस देकर करवा लेते थे। इस बार अब तक किसी भी सामान का आर्डर नहीं गया है। इसलिए बाजार से चाइनीज पिचकारी, स्प्रिंकलर्स, बैलून आदि गायब हैं। रेट दोगुना है, इसलिए लोग इसे खरीदने से बच भी रहे हैं।

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