रायपुर : राजधानी समेत प्रदेश के अन्य जिलों में कोरोना का कहर है। ऐसे में लोग इस बीमारी से निपटाने के लिए कई तरह के चीजों का उपयोग में लाया जा रहा है। लोग शरीर के प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा का ज्यादा सेवन कर रहे हैं।
इधर, डाॅक्टरों का मानना है कि काढ़ा का अधिक सेवन शरीर के नुकसान दायक है। लोग इस समय प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अधिक मात्रा में काढ़ा का सेवन कर रहे हैं। इससे शरीर में दुष्परिणाम भी आ रहे हैं। अत्याधिक काढ़ा के सेवन के कारण लोग शरीर में जलन, गैस, अपज, उल्टी व दस्त समेत मुंह में छालों के शिकार हो रहे हैं।
काढ़ा के साथ हरी सब्जियों को दें ज्यादा तवज्जाें
आयुर्वेद और पोषण आहार से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि काढ़ा का इस्तेमाल 24 घंटे एक या दो बार करें। वे भी डाॅक्टरों से परामर्श करके। अभी इस वक्त रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हरी सब्जियां ज्यादा खाएं। साथ ही गरम पानी में आधा नींबू, नमक डालकर सेवन करें। वहीं लोग इस समय इंटरनेट मीडिया पर पढ़कर काली मिर्च, लौंग, छोटी पीपर जैसी हर्बल सामग्री का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।
जबकि एक स्वस्थ्य व्यक्ति को संतुलित भोजन में दाल, चावल, हरी सब्जी, सलाद खाने की जरूरत है। यह भोजन ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, लेकिन भोजन हमेशा संतुलित ही होना चाहिए। इससे अधिक सेवन से भी परेशानी का कारण बनता है।
गिलोय और सीमित मात्रा में उपयोग करें काढ़ा
आयुर्वेद के डाॅ. राजू दास का कहना है कि लोगों को इस समय काढ़ा तैयार करते समय उसके मात्रा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। काढ़ा में काली मिर्च, सौंठ, छोटी पीपर 100 एमएल काढ़े में आधा चम्मच पर्याप्त है। इसी तरह अभी वक्त के साथ गिलोय का सेवन अधिक रखना है। क्योंकि गर्मी में गिलोय शरीर में ठंठक पैदा भी करती है। काढ़ा बनाते समय विशेषज्ञों से राय जरूर लेने की आवश्यकता है, ताकि आने वाले दिनों में किसी गंभीर समस्या से ग्रसित होने से बचें।