राजनांदगांव(दावा)। सरकार ने कोविड 19 से निपटने हेतु पंचायतो में क्वाारेंटाइन सेंटर बनाने हेतु दिशा निर्देश जारी करने की बात कही है, जिससे बाहर से आने जाने वाले प्रवासी मजदूरों को उस क्वारेंटाइन सेंटर में रख कर संक्रमण से निपटा जा सके। सरपंच संघ अध्यक्ष नोमेश वर्मा ने कहा कि पूर्व में भी युद्ध स्तर पर पंचायतो के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने इन महामारी से निपटने हेतु काम किया है। परिणामस्वरूप मजदूरों की ग्राम वापसी होने के बाद भी कोरोना के प्रभाव को कम करने में मदद मिली।
वर्तमान में कोरोना का स्वरूप बहुत ज्यादा खतरनाक हो चुका है, जिससे निपटने हेतु फिर से पंचायतों को दिशा निर्देश दिए जाने की बात मुख्यमंत्री द्वारा कही गई है, लेकिन बहुत सी ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहाँ सुविधा युक्त भवन उपलब्ध नही है। ऐसे में क्वारेंटाइन सेंटर मात्र मजाक बन जाता है और अन्य व्यवस्था हेतु पंचायतो में राशि का भी अभाव है। श्री वर्मा ने कहा कि केंद्र से जो राशि पंचायतो को प्राप्त होती है, वह 14वें व 15वें वित्त आयोग की राशि है, जिसमे पहले से ही कटौती करके पंचायतों को प्रदान किया गया है। उसके बाद गौठान सहित प्रत्येक निर्माण कार्य मे वित्त आयोग की राशि का 30 प्रतिशत राशि अभिसरण में देने हेतु पंचायत को बाध्य किया गया है, जिससे पंचायतो में राशि का बहुत अभाव है। ऐसे में राज्य सरकार को कोविड-19 से निपटने हेतु एक निश्चित राशि जारी किया जाना चाहिए, ताकि मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश वास्तविक रूप में धरातल पर भी नजर आए। श्री वर्मा ने कहा कि इस बार कोरोना महामारी का प्रसार बहुत बड़े स्तर पर ग्रामीण क्षेत्र में फैल चुका है, जिस पर नियंत्रण हेतु पंचायत की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इसमे सरकार को दिशा निर्देश देने के अलावा धरातल पर कार्य करने की आवश्यकता है। सरकार को इस विषय मे गंभीरता से सोच कर तत्काल पंचायतों को कोविड-19 राशि उपलब्ध कराया जाना चाहिण् ताकि प्रवासियों को अच्छे से क्वारेंटाईन किया जा सके।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी राज्य सरकार से किसी भी प्रकार का राशि व सहयोग पंचायतों को नहीं किया गया है। पंचायत में केवल केंद्र सरकार से मिलने वाली 14-15वे वित्त से ही पंचायतो का कार्य संचालित हो रहा है। इसी राशि का उपयोग राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गौठान सहित अन्य निर्माण कार्य में अभिसरण के रूप में लगाया जा रहा है, जिससे पंचायतो की स्थिति वास्तविक रूप से कमजोर हो चुकी है। पंचायतों में सुविधाविहीन भवन हैं। इस स्थिति से निपटने हेतु बेहतर होता जिले में शहर से बाहर बने बड़े-बड़े सर्वसुविधायुक्त स्कूल-कॉलेज में प्रवासियों को क्वारेंटाइन किया जाए, जिससे गांवों में संक्रमण के प्रसार को कम किया जा सके।