तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति हेतु 10 प्रतिशत सीलिंग की बाध्यता को समाप्त करे सरकार
राजनांदगांव(दावा)। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रान्तीय महामंत्री सतीश ब्यौहरे ने बताया कि शासकीय सेवक के दायित्वों के निर्वहन में कोरोना संक्रमण के फलस्वरूप दिवंगत शासकीय सेवक के परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति देने, प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने ’मुख्यमंत्री के नाम पाती’ लिखी है। उन्होंने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 7-1/2019/1-3 अटलनगर रायपुर दिनाँक 23 फरवरी 2019 के एकजाई आदेश के नियम-(8) के कंडिका (1) के अनुसार सीधी भर्ती के तृतीय श्रेणी पद पर संवर्ग में स्वीकृत कुल पदों के अधिकतम 10 प्रतिश पदों पर अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान है। उक्त 10 प्रतिशत सीमा बंधन(सीलिंग) को पूर्व में आदेश जारी होने के तिथि से 1 वर्ष के लिए शिथिल किया गया था। नियम-(8) के कंडिका (4) के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति के मामले में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्ति हेतु पदों की संख्या का कोई सीमा बंधन नहीं है।
शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक (विज्ञान) का नवीन 8929 पद स्वीकृत है। जोकि शत प्रतिशत सीधी भर्ती का पद है। पदों का 10 प्रतिशत अर्थात् 893 पद अनुकंपा नियुक्ति के लिए रिक्त है। जबकि सरकार, अनुकंपा नियुक्ति कोटे के अंतर्गत 10 प्रतिशत पद को रिक्त नहीं होने का कारण बताकर तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति पर रोक लगाए हुए है। जिसे मौजूदा हालात में लोकहित में हटाया जाना चाहिये। फेडरेशन ने ’मुख्यमंत्री के नाम पाती’ में कोरोना महामारी के इस भयावह काल के संदर्भ में लिखा है कि अनेक शासकीय सेवक अपने दायित्वों के निर्वहन के दौरान, कोरोना संक्रमण के चपेट में आकर दिवंगत हुए हैं। फलस्वरूप उनके परिवार के सदस्यों को अपनी आजीविका हेतु विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। कई परिवार बिखराव की स्थिति का सामना कर रह है। कुछ मामलों में पति-पत्नी दोनों के दिवंगत होने से बच्चे अनाथ हो गए हैं। बेहद दु:खद है कि, दिवंगत शासकीय सेवक के परिवार को दोहरे विपत्ति की मार का सामना कर रहा है। विपत्ति के इस समय में, पीडि़त परिवार को सरकार का साथ और संबल मिलना अति आवश्यक है। इससे अन्य शासकीय सेवकों में सरकार के संवेदनशील होने का सकारात्मक संदेश जायेगा। हमारी सरकार हमारे साथ होने की भावना जागृत होगी। पीडि़त परिवार का मनोबल बढ़ेगा। फेडरेशन ने मुख्यमंत्री के नाम पाती में लिखा है कि कोरोना महामारी के भीषण प्रकोप के दृष्टिगत, दिवंगत शासकीय सेवक के परिवार के एक सदस्य को, शैक्षणिक योग्यतानुसार, समय सीमा में अनुकंपा नियुक्ति दिया जाना उचित होगा। जोकि, राज्य शासन का पुनीत कर्तव्य और सर्वोत्तम दायित्व है।
वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति के 10 प्रतिशत सीलिंग की बाध्यता को समाप्त करने का आदेश देने तथा पात्रता अनुसार अनुकंपा नियुक्ति आदेश तत्काल जारी करने का कड़ा निर्देश समस्त विभागों को देने का आग्रह किया है। छ.ग.प्रदेश शिक्षक फेडरेशन राजनांदगॉव के जिला अध्यक्ष मुकुल साव, जिला महामंत्री पी.आर.झाड़े, सदस्यगण बृजभान सिन्हा, एफ.आर.वर्मा, वाय.डी.साहू, जनक तिवारी, संजीव मिश्रा, भूषण लाल साव, संगीता ब्यौहरे, नीलू झाड़े, सीमा तरार, अभिशिक्ता फंदियाल, मालती टंडन, ईश्वर टंडन, अब्दुल कलीम खान, सोहन निषाद, मुकेश शुक्ला, एच.के.सोनसारवां, बी.के.गुप्ता एवं साथियो ने शिक्षक फेडरेशन की इस मांग का समर्थन करते हुए इसपर संवेदनशीलता से विचार करते हुए तत्काल कार्यवाही करने हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया है।
फेडरेशन के इन दोनो प्रांतीय पदाधिकारियों ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना केंद्र सहित कोरोना संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम के कार्यों में लगाई जा रही है। कोरोना ट्रेसिंग, रेलवे स्टेशन पर स्क्रीनिंग, प्राइमरी कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग, आइसोलेशन सेंटर में, जिलों के बॉर्डर बैरियर पर ड्यूटी लगाया गया है। ड्यूटी में उपस्थित नहीं होने पर वेतन रोकने और निलंबन की धमकी दिया जा रहा है। न कोई प्रशिक्षण, न कोई बीमा, न कोई रक्षात्मक उपकरण, सीधे कागज के टुकड़े में कार्य करने का आदेश थमाया जा रहा है। शिक्षा विभाग के आला अधिकारी इस मुद्दे पर मुँह छुपा के बैठे हैं। जिला प्रशासन शिक्षकों को कोरोना काल में झोंक रहा है, प्राणघातक कार्य करने दबाव डाल रहा है। नियुक्ति की सेवा शर्तों का उल्लंघन हो रहा है, लेकिन विभागीय अधिकारी मौन धारण किये हुए हैं। फेडरेशन का कहना है कि शिक्षकों को संगठित होकर, किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने की स्थिति में, आदेश जारी करने वाले अधिकारी के जिम्मेदार होने का पत्र जमा कर पावती लेना चाहिए।