Home लाइफस्टाइल छोटे बच्चों में कोरोना संक्रमण खतरनाक- डॉ. पुखराज बाफना

छोटे बच्चों में कोरोना संक्रमण खतरनाक- डॉ. पुखराज बाफना

88
0

संक्रमण से बचाव ही सुरक्षित उपाय, मास्क ही वेंटिलेटर है

राजनांदगांव(दावा)। कोरोना संक्रमण अपने दूसरे दौरे में ऐसे रूप बदलकर आया है जो आरटीपीसीआर जांच में भी पकड़ में नहीं आ रहा। यह विशेष स्ट्रेनवाला संक्रमण बड़े बूढ़ो को तो संक्रमित कर ही रहा अब युवाओं व छोटे-छोटे बच्चों को भी नहीं छोड़ रहा, जो इनके लिए खतरनाक सिद्ध हो रहा है। उक्त जानकारी शिशु रोग विशेषज्ञ पदमश्री डॉ. पुखराज बाफना ने दी।
उन्होंंने बताया कि संक्रमित बच्चों में इसके सभी लक्षण सर्दी खांसी, बुखार, दस्त, उल्टी शरीर में दाने, सुस्ती व निमोनिया के रूप में दिखाई दे रहे है। चूंकि कोरोना संक्रमण से लडऩे के लिए कोवैक्सीन व कोविशील्ड जैसे टीके इजाद हो गये है। लेकिन यह केवल खास आयु वर्ग के लिए है। युवकों व छोटे बच्चों के लिए टीका इजाद नहीं होने से संक्रमितों के लिए जान लेवा जैसी स्थिति बनी हुई है। उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों को यह संक्रामक रोग होने पर उपयुक्त लक्षण को ध्यान में रखते हुए तत्काल शिशु रोग विशेषज्ञ डाक्टरों को दिखाई जाए व समुचित रूप से इलाज कराई जाये।
दहशत व लापरवाही से बचें
डॉ. बाफना ने बताया कि लोग कोरोना संक्रमण के दहशत से ज्यादा बीमार हो रहे है और उनकी लापरवाही भी उन्हें कोरोना संक्रमण का शिकार बना रही है। उन्होंने इस संक्रामक रोग से बचाव के लिए सुरक्षा ही एक मात्र उपाय बताया जिसमें सोशल डिंस्टेस का पालन करना, मास्क लगाकर बाहर निकलना तथा बार-बार साबून से हाथ धोना तथा सैनिटाइजर का उपयोग करते रहना प्रमुख है। उन्होंने मास्क को एक प्रकार से वेंटिलेंटर बताया जिससे हवा में घुले कोरोना का वायरस नाक व मुह के माध्यम से शरीर के अन्दर प्रवेश करने नहीं देता। उन्होंने बताया कि संक्रमण गले के नीचे हिस्से व पीठ की ओर के हिस्से को ज्यादा प्रभावित करता है। स्वांस नली के माध्यम से फेफड़े में प्रवेश कर इसे पूरी तरह डेमेज कर देता है। जिससे व्यक्ति की मौत तक हो जाती है। उन्होंने पीडि़त व्यक्ति को मल्टी विटामिन देते रहने की बात कही।
पेट के बल लेटने से फायदा
डाक्टर बाफना ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति को पेट के बल लेटने से फायदा होता है। इससे स्वांस की निरंतरता बनी रहती है। कफ बाहर निकलने से स्वांस अवरूद्ध नहीं होता। संक्रमित व्यक्ति के पेट के बल लेट कर लम्बी सांसे लेने से पेट के तमाम अवयव भी प्रभावित होते है और उनमें शक्ति आती है। आक्सीलेबल संतुलित हो जाता है।
योग-प्राणायाम से लाभ
डॉ. बाफना ने संक्रमण से बचाव के लिए योग-प्राणायाम को मुफीद बताया। पीडि़त व्यक्ति दीर्घ स्वास लेकर प्राणायाम करे तो लाभ मिलता है। प्राणायाम में अनुलोभ विलोम सहित भस्त्रिका व कपाल भांति करने से प्राणों को बल मिलता है। उन्होंने बताया कि आक्सीजन लेबल ठीक रखने के लिए योग-प्राणायाम हमारे ऋषि-मुनियों का महत्वपूर्ण देन है। आक्सीजन लेवल 92 से कम नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा हो तो चिकित्सक से अवश्य परामर्श ले।
घरेलू काढ़ा फायदेमंद
पदमश्री डॉ. बाफना ने कोरोना संक्रमण से बचने घरेलू काढा को फायदेमंद बतया तथा कहा कि बाहर निकलते वक्त कपूर लौग, इलायची, काली मिर्च की छोटी पुतकी बनाकर पास में रखे व उसे सुंघते रहे तो संक्रमण पास फटक नहीं पाता। उन्होंने कपूर लौग, इलायची, काली मिर्च सहित दाल चीनी, अदरक, हल्दी मिला काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होना बताया। उन्होंने काढ़ा में स्वाद के लिए गुड़ व नमक डाले जाने की बात कही। इस काढ़े को दिन में बार-बार पीते रहने से फायदा होना बताया तथा कहा कि इस काढ़े के पीने से महाराष्ट्र के माले गांव वाले कोरोना मुक्त। इसलिए इसे मालेगांव काढ़ा कहा जाता है। इसके अलावा डॉ. बाफना ने सर्वाधिक सुरक्षित उपाय मास्क को बताया जो वेंल्टिलेटर का काम देता है। इसलिए उनके अनुसार संक्रमण से बचने मास्क लगाने के साथ दो गज की दूरी बनाए रखना जरूरी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here