बार्डर में कोरोना की जांच नहीं सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग की औपचारिकता
अंदरुनी क्षेत्र से आ रहे लोग सीधे पहुंच रहे गांव
राजनांदगांव (दावा)। कोरोना की दूसरी लहर पूरे देश में कोहराम मचा कर रखा है। देश के बड़े शहरों में पूर्ण रुप से लॉकडाऊन लगाया जा रहा है। ऐसे में रोजी रोटी के लिए दूसरे प्रदेश गए प्रवासी मजदूर वापस अपने गांव व शहर लौट रहे है। मजदूर सडक़ मार्ग व रेलवे रुट से वापस लौट रहे है. सबसे अधिक मजदूर महाराष्ट्र की ओर से सडक़ मार्ग से पहुंच रहे है। इन मजदूरों का बाघनदी बार्डर में कोरोना की जांच नहीं की जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार मजदूरों का सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग कर औपचारिका निभाई जा रही है। ऐसे में गांव व सहर पहुंच रहे प्रवासी मजदूरों से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।
महाराष्ट्र की ओर से बड़ी संख्या में पहुंच रहे
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के मामले में महाराष्ट्र पूरे देश में सबसे आगे हैं। इसके बाद भी महाराष्ट्र की ओर से आने वाले यात्रियों व प्रवासी मजदूरों की बार्डर पर जांच नहीं हो रही है। यह संवेदनशील मामला है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र की ओर से प्रवासी मजदूर रोजाना बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। शायद इसी लापरवाही के चलते जिले में कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है। जिले में हर रोज कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इसके बाद भी महाराष्ट्र की ओर से आने वाले यात्रियों की जांच नहीं हो रही है। बागनदी में ही जांच के नाम पर थर्मल स्क्रीनिग की औपचारिका निभाई जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार कई प्रवासी मजदूर जो कि महाराष्ट्र के विभिन्न जगहों में रोजी-रोटी कमाने गए हैं वे लोग अंदरुनी रास्तों से गांव पहुंच रहे हैं। इसमें मानपुर से होकर चिचगढ़-चंद्रपुर-गढ़चिरौली वाले रास्ते से छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे हैं। लेकिन इन रास्तों से आ रहे प्रवासियों की किसी तरह की जांच नहीं हो रही है। यहां ना जवानों का पहरा है और ना ही स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंप लगाई है। चंद्रपुर-गढ़चिरौली से होकर आने वाले यात्रियों को कोरोना जांच नहीं की जा रही है, जो गंभीर लापरवाही हो सकती है। पहले भी इस तरह की लापरवाही का नतीजा जिले के लोग भुगत चुके हैं। इसके बाद भी बार्डर पर अनदेखी जिले के लोगों को भारी पड़ सकती है। क्योंकि महाराष्ट्र में कोरोना का कहर सबसे अधिक है।
अन्य क्षेत्रों से आ रहे वाहनों की भी जांच नहीं
महाराष्ट्र से सटे जिले की सीमा बागनदी में ही कोरोना संक्रमण को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की है। यहां कोरोना जांच केंद्र भी है, लेकिन जांच गिने-चुने यात्रियों का ही हो रहा है। बसों से आने वाले यात्रियों की यहां कोरोना जांच नहीं हो रही है। यात्रियों को बिना रोके ही जाने दिया जा रहा है। जिले में बागनदी की तरह और भी कई रास्ते हैं, जहां से महाराष्ट्र होकर लोग जिले की सीमा लांघ सकते हैं। ऐसे सीमाओं पर किसी तरह की कोई जांच की व्यवस्था नहीं है। बताया गया कि हर दिन महाराष्ट्र की ओर से रोजाना बड़ी संख्या में मजदूर बसों व अन्य साधन से पहुंच रहे हैं।