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कोरोना जांच रिपोर्ट आने में हो रही देरी, बढ़ रहा मरीजों का संक्रमण

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एंटीजन टेस्ट कीट की किल्लत, आरटी-पीसीआर के सैम्पल पर अघोषित रोक

राजनांदगांव (दावा)। एक ओर कोरोना संक्रमण जिले में कोहराम मचा रहा है। वहीं दूसरी ओर कोरोना जांच सेंपल में देरी से लोगों में संक्रमण और बढऩे का खतरा मंडरा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार कोरोना जांच करा रहे लोगों की जांच रिपोर्ट आने में पांच से सात दिन का समय लग रहा है। वहीं जिले में आरटी-पीसीआर के सैम्पल पर अघोषित रोक लगाने की जानकारी सामने आ रही है। जिले में वर्तमान में सिर्फ ट्रूनाट जांच ही हो रही है। इसका भी रिपोर्ट आने में चार से पांच दिन का समय लग रहा है। वर्तमान में जिले में एंटीजन टेस्ट कीट की किल्लत है। जांच कराने जा रहे लोगों की ट्रूनाट व एनटीपीसीआर जांच ही हो रही है। इन सेम्पलों का रिपोर्ट आने में सप्ताह भर का समय लग रहा है। ऐसे में संक्रमित लोगों का बीमारी और बढ़ रहा है और वे लोग गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं।
बालोद, कवर्धा व रायपुर से भी सेंपल आ रहा
मिली जानकारी के अनुसार कोरोनाग्रस्त मरीजों के आरटी-पीसीआर सैम्पल पिछले कुछ दिनों से पेंड्री स्थित मेडिकल कॉलेज के लैब में जाम पड़े हुए हैं। अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में बड़ी संख्या में लोगों ने जांच कराया है। इनके सैम्पलों की तय समय पर जांच नहीं हो पा रही है। वहीं पड़ोसी जिले बालोद, कवर्धा के भी सैम्पलों को जांच के लिए भेजे जाने से जाम की स्थिति बनी है। बताया जा रहा है कि रायपुर एम्स के भी हजारों की तादाद में सैम्पल जांच के लिए नांदगांव भेजे गए हैं, जिसके चलते सैम्पलों की जांच नहीं हो पा रही है।
टैक्निशियन और लैब अटेंडेंट की कमी
मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज पेंड्री की सेंट्रल लैब में एम्स रायपुर के लगभग 3 हजार आरटीपीसीआर सैम्पल भेजे जाने के कारण जाम की स्थिति है। इसकी वजह से राजनांदगांव के लोगों की जांच रिपोर्ट सप्ताहभर में नहीं मिल पा रही है। सूत्रों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज की लैब की क्षमता 1200 सैम्पल की है। ऐसे में एक दिन में लगभग हजार सैम्पल ही खोले जा सकते हैं और इनकी रिपोर्ट तैयार की जा सकती है। ऐसे में रायपुर से एक साथ लगभग 3 हजार सैम्पल भेज दिए गए हैं। जिससे लोड़ बढ़ गया है। लैब में लगभग 20 टैक्निशियन और 4 लैब अटेंडेंट ही हैं। जो पर्याप्त नहीं है। टैक्निशियन और लैब अटेंडेंट कर्मचारियों की कमी भी समय पर जांच रिपोर्ट नहीं मिलने का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।
रेमडेसिविर इंजेक्शन की हो रही कालाबाजारी
जिले में जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमण बढ़ रही है और मौत के आंकड़े डरावने हो रहे है। वैसे ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड काफी बढ़ गई है। मेडिकल दुकानों के अलावा कई एंजेसियों में रेमडेसिविर इंजेक्शन के लोगों की रोजाना भीड़ लग रही है। मांग अधिक होने से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी शुरु हो गई है। वहीं जिले में आक्सीजन सिलेंडर की समस्या से भी कोरोना पीडि़त मरीजों व उसके परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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