रायपुर, छत्तीसगढ. में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रत्यक्ष मुलाकात का समय नहीं दिया तो भाजपा नेताओं ने राज्यपाल अनुसुईया उइके के दरवाजे को खटखटाया है। सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से करीब 45 मिनट तक चर्चा की।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से चर्चा में विष्णुदेव साय ने दो टूक कहा कि हम मुख्यमंत्री से फेस टू फेस मुलाकात करके सुझाव देना चाहते थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने वर्चुअल मुलाकात का समय दिया है। भाजपा नेता वर्चुअल मुलाकात नहीं करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह ने कहा कि विपक्ष ने खुद से प्रस्ताव रखा था कि हम सार्थक सुझाव देना चाहते हैं। घोर आश्चर्य होता है कि कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री के पास विपक्ष को सुनने का वक्त ही नहीं है। मिलने के लिए वर्चुअल बैठक की बात कही जाती है. यह विपक्ष का अपमान है। ये बताता है कि सरकार की नजर में विपक्ष क्या है?
रमन सिंह ने कहा कि हमने राज्यपाल को बताया कि सरकार के मुखिया का व्यवहार कैसा है। एक करोड़ 30 लाख वैक्सीन लगनी है। इसकी कार्ययोजना का जवाब सरकार के पास नहीं है। हम जानना चाहते हैं कि वैक्सीन निर्माता कंपनियों को कितना भुगतान किया गया, यह बताने के लिए सरकार तैयार नहीं है? उन्होंने कहा कि अंत्योदय, बीपीएल, एपीएल, फ्रंट लाइन चार हिस्सों में वैक्सीनेशन को बांट दिया गया है।
यहां एपीएल कार्ड किसी ने नहीं बनाया। सेंटरों में जाने से उन्हें भगाया जा रहा है। सरकार के पास शराब का 600 करोड़ सेस है। 800 करोड़ दूसरे मद का है। जब देश के दूसरे राज्य खर्च कर रहे हैं, तो फिर सरकार को खर्च करने में दिक्कत क्या है। रमन ने कहा कि फेस टू फेस बात करने में सरकार को दिक्कत नहीं है। सरकार के पास जवाब नहीं है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनी है, लेकिन कमेटी ने क्या निर्णय लिया, यह बताने वाला कोई नहीं है। ग्रामीण इलाकों में कोरोना जांच बंद हो गई है। देश में किसी राज्य में ऐसा नहीं हुआ कि आपदा को अवसर में बदल दिया जाए। नकली शराब पीकर दस लोग मर गए, तो सरकार ने शराब की होम डिलीवरी शुरू कर दी। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह डरपोक सरकार है, जो विपक्ष से मिलने में डरती है।